प्रधानमंत्री मोदी ने आज सिविल सर्विस डे पर अफसरों को संबोधित किया अपने संबोधन में पीएम ने अफसरों को गुरुमंत्र देते हुए चेताया है कि सर्वक्षेष्ठ बनना बड़ी बात नहीं है इसे अपनी आदत बनाना बड़ी बात है। राष्ट्र की जनता को स्पष्ट होना चाहिए कि यह देश मेरा है और यह सरकार मेरी! सभी को अपनी अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होना चाहिए। पीएम ने इस दौरान अधिकारियों को सोशल मीडिया से अवगत कराते हुए इसके ताकत और बृहद उद्देश्यों के बारे में बताया।
इसके अलावा यूपी में सत्ता परिवर्तन के साथ ही अखिलेश पर संकट के बादल छा गए हैं। सीएम योगी ने पूर्व सरकार की पांच सालों के कामकाज को लेकर दस जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है। जिसके अंतर्गत सरकार ने पिछले 18 महीनों में हुए जमीन खरीद मामले में जांच के आदेश दे दिए है। इस जांच आदेश में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, गोमती रिवर फ्रंट योजना, राशन कार्ड, सहित कई पूर्व योजनाओं को जांच के घेरे में लिया है तो कई योजनाओं को बदलकर नामकरण भी कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ योगी ने कई वीआईपी शहरों की लिस्ट भी बदल दी है जिसमें समाजवादी के कुछ गढ़ जैसे इटावा, कन्नौज और आजमगढ़ की जगह धार्मिक जगह गोरखपुर, मथुरा, अयोध्या और वाराणसी वीआईपी शहर होंगे।
शुक्रवार 21 अप्रैल को एपीएन के खाश शो मुद्दा में “मोदी के चाल से कैसे सुधरेगी देश की नौकरशाही और योगी ने पूर्व सपा सरकार को घेरने के लिए बैठाई जांच” जैसे पहलुओं पर चर्चा करने के लिए एपीएन के स्टूडियों में तमाम विशेषज्ञों को बुलाया गया। जिनमें बाबा हरदेव सिंह (पूर्व आईएएस), अंशु अवस्थी (नेता कांग्रेस), संजीव सिंह (प्रवक्ता बीजेपी), दीपक मिश्रा (नेता सपा) व गोविंद पंत राजू (सलाहकार संपादक, APN) शामिल रहे। शो का संचलन एंकर हिमांशु दीक्षित ने किया।
अंशु अवस्थी का मत है कि पीएम मोदी द्वारा आला अधिकारियों को जिम्मेदारी का एहसास कराना अच्छी पहल है लेकिन पीएम को अपने पद की गरिमा में रहकर बयानबाजी करनी चाहिए। वह इस प्रकार किसी अधिकारी के काम की अहवेलना नहीं कर सकते। पीएम मन की बात करने में विश्वास रखते हैं लेकिन मन की बात सुनने में नहीं क्यों? रही बात भ्रष्टाचार कि तो भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए कांग्रेस सरकार पीएम के साथ है लेकिन वह भ्रष्टाचार खत्म करने के नाम का प्रोपेगेंडा न चलाए।
दीपक मिश्रा का मत है कि जब भाषण की नींव कमजोर हो तो भाषण का प्रभाव क्या पड़ेगा? योगी सरकार को जो भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही करनी है करे लेकिन नाटकीय कार्यवाही नहीं। यह कैसी जांच है जहां अभी तक भ्रष्टाचार के खिलाफ न तो कोई अधिकारी और न तो कोई नेता पकड़ा गया।
संजीव सिंह ने सपा प्रवक्ता पर तंज कसते हुए कहा कि सपा सरकार पुरानी जलेबी को बातों की चासनी में अच्छी तरह डूबो जनता के समक्ष पेश करती है। अगर आज जो मुलायम सिंह बिजली बिल बकाया के मामले में फंसे है उस मामले को लेकर अगर यह कार्यवाही कोई पुराना आला अधिकारी उनके घर जाकर करता तो उसका भी वही हाल होता जो पूर्व में आईपीएस अधिकारी का हुआ था।
बाबा हरदेव सिंह का मत है कि आज पीएम ने अधिकारियों के सोच और कर्मठता को व्यापक तौर पर सराहा है। क्योंकि पिछले 25-30 सालों में नौकरशाही वृहद् स्तर पर गिर रही है जिसके कारण नौकरशाहों के प्रति जनता की विश्वसनियता समाप्त हुई हैं। रही बात योजनाओं की तो भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही हो क्योंकि राजनीति और सरकारी कामों में भ्रष्टाचार के चलते लोगों तक योजनाओं का लाभ नहीं पहुँच पा रहा है।
गोविंद पंत राजू का मत है कि अफसरशाही भ्रष्ट क्यों है? इसको लेकर हरदेव सिंह ने एक किताब लिखी हुई है। पिछली सरकार में यह देख अधिकारियों को नियुक्त किया जाता था कि कौन अफसर कितना भ्रष्ट है और वह कितने करोड़ रु को बड़ा कर कितने करोड़ रुपए का विचार सरकार के समक्ष रखता है। सपा सरकार का सड़क निर्माण घोटाला एक मुद्दा था जिसकी जांच शुरु हो गई है। इस निर्माण में लोगों को गलत तरीके से जमीन आवंटन कराया गया था।