उत्तरप्रदेश में चुनावों के दौरान बीजेपी ने कानून व्यवस्था बनाये रखने को लेकर कई बड़े वादे किये थे। चुनावों के बाद आई योगी सरकार ने संकल्प दोहराते हुए कहा था कि राज्य सरकार की प्राथमिकता में कानून व्यवस्था सबसे ऊपर है। सरकार ने इसे दुरुस्त करने के लिए कई कदम भी उठाये हैं। अधिकारियों से सख्ती के अलावा अपराधियों को चेतावनी जारी की गई लेकिन अभी भी लगता है कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और सरकार बदलने के बावजूद कानून व्यवस्था में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।
योगी सरकार आने के बाद कई फैसले हुए लेकिन राज्य में कई ऐसी अपराधिक घटनाएँ भी देखने को मिली जो प्रशासन की कार्यशैली और कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा रही हैं। ऐसी ही एक घटना उत्तरप्रदेश के मैनपुरी में घटी है। जहाँ पुलिस चौकी के बाहर ही महिला की गोली मार कर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद सवाल उठने भी लाजमी हैं।
मैनपुरी में दबंगो ने जमीनी विवाद में पुलिस चौकी के सामने महिला को गोली मार दी। गम्भीर हालत में महिला को जिला अस्पताल भेजा गया। वहां उसकी मौत हो गई। महिला को गोली मारकर भाग रहा आरोपी लोगों के हत्थे चढ़ गया। लोगों ने उसे और उसकी बहन को पुलिस चौकी के अंदर ही जमकर पीटा। जिससे वह मरणासन्न हो गया। घटना मैनपुरी सदर कोतवाली इलाके की आगरा गेट चौकी की है। काफी देर तक पुलिस चौकी के अंदर बवाल और तोड़फोड़ चलता रहा।
बताया जा रहा है कि इस पुलिस चौकी के सामने करोड़ो रूपए की प्रापर्टी है। उसी को लेकर दो पक्षों में विवाद चल रहा है। दोनों पक्ष की दो महिलाएं शिकायत के लिए पुलिस चौकी पहुंची थी। वहीं झगड़ा शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ गया की बात हाथापाई से होती हुई गोलीबारी तक जा पहुंची। जिसके बाद दूसरे पक्ष की तरफ से थाने पहुंचे लड़कों ने एक महिला पर फायरिंग कर दी। जिससे उसके कई गोलियां लग गयी। बाद में महिला की मौत हो गई।
इस सनसनीखेज घटना के बाद पुलिस हरकत में आ गई है और आगे की कारवाई जारी है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुलिस इतनी देर तक हंगामे के बाद चुपचाप तमाशा देखने में क्यों लगी थी? और क्या ऐसे ही उत्तरप्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति सुधरेगी?