Supreme Court ने केंद्र सरकार की Char Dham Highway Project को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई की है जिसमें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को परियोजना से जुड़े राजमार्ग पर 5.5 मीटर का गलियारा बनाने के नियम का पालन करने का आदेश दिया गया था। परियोजना से जुड़ा यह राजमार्ग चीन की सीमा से जुड़ता है। याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। याचिका द्वारा 8 सितंबर 2020 के इस आदेश में संशोधन करने की मांग की गई है।
चारधाम परियोजना
दरअसल इस चारधाम परियोजना (Chardham Project) का उद्देश्य पहाड़ी राज्य के चार पवित्र स्थलों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोड़ना है। यह परियोजना पूरी होने के बाद हर मौसम में चार धाम की यात्रा आसानी से की जा सकेगी। इस परियोजना के तहत 900 किलोमीटर लम्बी सड़क परियोजना का निर्माण किया जाना है। जिसमें अब तक 400 किमी सड़क का चौड़ीकरण किया जा चुका है।
सड़क चौड़ीकरण के कारण 25 हजार पेड़ों की कटाई
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस सड़क के चौड़ीकरण के दौरान लगभग 25 हजार पेड़ों की कटाई हो चुकी है और इस वजह से पर्यावरणविद परियोजना से नाराज हैं। इसके खिलाफ NGO ‘Citizens for Green Doon’ ने NGT के 26 सितंबर 2018 के आदेश को चुनोती दी है। NGO ने यह दावा किया है कि इस परियोजना की वजह से क्षेत्र की पारिस्थितिकी को होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं हो सकेगी। वहीं इस मामले में NGT ने व्यापक जनहित को देखते हुए इस परियोजना को मंजूरी दे दी थी।
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