मर्क दवा मोलनुपिरवीर (Merck drug Molnupiravir ) को आपातकालीन उपयोग के लिए जल्द मंजूरी मिल सकती है। यह जानकारी कोविड स्ट्रैटजी ग्रुप, सीएसआईआर के अध्यक्ष डॉ राम विश्वकर्मा (Dr Ram Vishwakarma, Chairman of the Covid Strategy Group, CSIR) ने दी है। उन्होंने कहा कि यह दवा उन वयस्कों के लिए है, जिन्हें गंभीर COVID-19 या अस्पताल में भर्ती होने का खतरा हो। वहीं फाइजर ( Pfizer) की एक और गोली पैक्सलोविड (Paxlovid) भी आने वाला है, लेकिन इसमें कुछ समय लग सकता है।
ये दवाएं टीकों से भी ज्यादा महत्वपूण हो सकती हैं
उन्होंने कहा कि इन दोनों दवाओं के आने से फर्क पड़ेगा, हम अब महामारी को खत्म करने जा रहे हैं, ऐसे में ये दवाएं टीका से भी ज्यादा महत्वपूण हो सकती हैं। उन्होंने कहा, ये दवाएं “विज्ञान द्वारा वायरस के ताबूत में अंतिम कील” सिद्ध होंगी। उन्होंने कहा कि मोलनुपिरवीर हमारे लिए जल्द ही उपलब्ध होगा। पांच कंपनियां दवा निर्माता के साथ मिलकर काम कर रही हैं, जल्द ही मोलनुपिरवीर को किसी भी दिन मंजूरी मिल सकती है।
अगले महीने तक मिल सकती है मंजूरी
उम्मीद है कि अगले एक महीने के अंदर मोलनुपिरवीर को उपयोग के लिए मंजूरी मिल सकती है। वहीं फाइजर ने कहा है कि क्लिनिकल परीक्षण में पाया गया है कि पैक्सलोविड अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु के जोखिम को 89 प्रतिशत तक कम कर देगा।
पांच कंपनिया बना रही हैं दवा
मर्क ने पहले ही पांच कंपनियों को अनुबंधित किया है और जिस तरह से मर्क ने कई कंपनियों को यह लाइसेंस दिया है, फाइजर भी ऐसा करेगा, क्योंकि फाइजर को वैश्विक उपयोग के लिए आवश्यक दवाओं के निर्माण के लिए भारतीय क्षमता का उपयोग करना होगा।
इतनी हो सकती है खर्च की लागत
उन्होंने कहा कि शुरू में उपचार में 2000 से 3000 या 4000 रुपये खर्च आ सकता है, फिर यह 500 से 600 या 1,000 रुपये तक आ जाएगा।
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