Deepawali 2021: Diwali की सुबह ही मनाया जाएगा भगवान Mahakaal के मंदिर में दीपोत्‍सव, राजाधिराज को लगेगा 56 भोग

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Mahakaal

Deepawali 2021: हिंदू धर्म का सबसे प्रमुख त्‍योहार Diwali गुरूवार 4 नवंबर को पूरे देश में मनाया जाएगा। Madhya Pradesh के Ujjain में स्थित भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग (Jyotirlinga) में से एक महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) में सबसे पहले दीवाली का पर्व मनाया जाता है और इस साल हर साल की तरह एक दिन पहले दीवाली न मनाकर गुरूवार को ही मनाई जाएगी। दरअसल परंपरा है कि राजाधिराज भगवान महाकाल (Mahakaal) के मंदिर में कार्तिक मास की अमावस्या से एक दिन पहले रूप चतुर्दशी पर दीपाली मनाई जाती है, लेकिन इस बार गुरुवार के दिन ही सुबह भस्मारती के साथ पर्व मनाया जाएगा।

ऐसी मान्यता है हिंदू धर्म का कोई भी त्योहार सबसे पहले भगवान महाकाल के आंगन में ही मनाया जाता है। इस साल गुरूवार को ही तिथि पड़ने के कारण इस बार महाकाल के मंदिर के पुजारियों ने 4 नवंबर को दीवाली के दिन ही यह त्‍योहार मनाने का तय किया है।

इस साल त्रयोदशी तिथि सुबह सूर्योदय के समय

महाकाल मंदिर के पुजारी बाला गुरू ने बताया कि इस साल त्रयोदशी (Trayodashi) तिथि सुबह सूर्योदय के समय रहेगी, उसके उपरांत चतुर्दशी तिथि लगेगी। गुरुवार 4 नवंबर को दिवाली के दिन सुबह सूर्योदय के समय चतुर्दशी (Chaturdashi) तिथि रहेगी, उसके बाद अमावस्या रहेगी। महाकाल मंदिर की परंपरा चतुर्दशी को दीपावली मनाने व अन्नकूट लगाने की है, इसलिए गुरुवार को सुबह चतुर्दशी के संयोग में ही दीपोत्सव मनाया जाएगा।

बता दें कि महाकाल के मंदिर में दीपोत्‍सव की शुरुआत भस्मारती से की जाती है और इसके बाद भगवान महाकाल को छप्पन भोग लगाया जाता है।

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