उत्तर प्रदेश नोएडा में नाइजीरिया नागरिकों के ऊपर हमले के मामले रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। हाल ही में 3 नाइजीरिया छात्रों के साथ मारपीट का मामला सामने आया था। जिसके बाद 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इस घटना पर स्वंय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। इस घटना के करीब एक दिन बाद केन्याई लड़की मारिया बुरांडी के साथ कैब से उतारकर मारने के मामला सामने आया था।
केन्याई लड़की के साथ मारपीट मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। बताया जा रहा है कि मारपीट की खबर में बिल्कुल सच्चाई नहीं है। ग्रेटर नोएडा के एसएसपी धर्मेंद्र सिंह लड़की द्वारा कराई गई एफआईआर को झूठा साबित करते हुए सबूत पेश किए। लड़की ने बताया था कि उसपर सुबह करीब साढ़े चार बजे हमला हुआ था लेकिन एसएसपी ने बताया कि उसने पुलिस को घटना की जानकारी सुबह साढ़े सात बजे की थी। पुलिस ने बताया कि जब केन्याई लड़की ने फोन किया तो उन्हें उसपर शक हुआ। जांच करने पर पता चला कि लड़की ने घटना के एक दिन पहले ही पुलिस इंचार्ज से उसका नंबर लिया था।
पुलिस ने सबूत पेश करते हुए बताया कि लड़की पर कोई हमला नहीं हुआ था जबकि उसका उसके दोस्तों के साथ झगड़ा हुआ था। ओला चालक से भी इस मामले में पुछताछ की गई जिसमें पता चला कि लड़की की पिक अप और ड्रॉप लोकेशन में किसी तरह की भी परेशानी का कोई जीपीएस रिकार्ड नहीं किया गया था। ओला चालक ने खुद बयान देते हुए बताया कि उसने लड़की को उसके ब्वॉय फ्रेंड के घर के बाहर छोड़ा था, रास्ते में किसी तरह की मारपीट की घटना नहीं हुई थी।
नाईजीरिया नागरिकों के साथ मारपीट का सारा मामला नोएडा के छात्र मनीष खारी की रहस्यमय मौत के बाद उठा। मनीष के घरवालों ने सोसाइटी में रह रहे नाईजीरियाई छात्रों पर उसकी मौत का आरोप लगाया था।