Happy Birthday Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष Amit Shah का आज जन्मदिन है। राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह को आज उनके जन्मदिन के अवसर पर कई लोगों ने बधाई दी है। देश के गृहमंत्री के करियर की बात करें तो उन्होंने एक आम कार्यकर्ता के तौर पर शुरुआत करके बीजेपी के अध्यक्ष पद तक पहुंचे। तो चलिए आज उनके जन्मदिन के अवसर पर जानते है उनके बारे में सबकुछ।
छात्र जीवन से ही राजनीति शुरू की
Gujarat के मेहसाणा से ताल्लुक़ रखने वाले अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में हुआ था। अपने राजनीतिक प्लान से विपक्षी पार्टियों को चित करने वाले अमित शाह ने अपने कॉलेज जीवन में ही छात्र राजनीति में कदम रखा था और 1983 में RSS की छात्र शाखा के नेता बने।
1984 में BJP से जुड़े
1980 में भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ था। 1984-85 में केंद्रीय गृह मंत्री संघ की नई राजनीतिक शाखा भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने। भाजपा का सदस्य बनने के बाद उन्हें अहमदाबाद के नारायणपुर वार्ड में पोल एजेंट का पहला दायित्व सौंपा गया, इसके बाद वे उसी वार्ड के सचिव बनाए गए।
1989 में मिली बड़ी जिम्मेदारी
1989 के लोकसभा चुनाव में उन्हें एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिली और उन्हें गांधीनगर में उस समय के भारतीय जनता पाॅर्टी के सबसे बड़े नेता लालकृष्ण आडवाणी के चुनाव प्रबंधन का उत्तरदायित्व सौंपा गया और आडवाणी की जीत हुई। 1996 के चुनाव में उसी गाँधीनगर सीट से वो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भी चुनाव प्रभारी रहे।
गुजरात प्रदेश वित्त निगम का कायापलट किया
1995 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में जीत के बाद जब राज्य में भाजपा की सरकार आयी तो अमित शाह को गुजरात प्रदेश वित्त निगम का अध्यक्ष बनाया गया और उन्होंने 2 वर्षों में निगम का कायापलट कर दिया।
1997 में पहली बार विधायक
1997 में गुजरात भाजपा सरकार गिरने के बाद उपचुनाव में पहली बार उन्होंने सरखेज विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीता भी। 1998 में उन्होंने पुनः वहीं से जीत दर्ज की। 2001 में वे भाजपा के सहकारिता प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक बने और 2002 तथा 2007 में विधान सभा चुनावों में जीत दर्ज की। 2006 में वे गुजरात स्टेट चेस एसोसिएशन के चेयरमैन और 2007 में गुजरात स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के क्रमशः चेयरमैन और वाइस-चेयरमैन बने।
सोहराबुद्दीन के मामले में जेल गए
2010 में शाह पर सोहराबुद्दीन शेख, उनकी पत्नी कौसर बी और तुलसीराम प्रजापति की हत्याओं को अंजाम देने का आरोप लगाया गया था। हांलाकि शाह ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज किया था। शाह को 25 जुलाई 2010 को सोहराबुद्दीन मामले में गिरफ्तार किया गया था। वो 2010 से 2012 तक राज्य से तड़ीपार थे। 2014 में उनको विशेष सीबीआई अदालत ने सोहराबुद्दीन मामले से बरी कर दिया गया था।
2014 में भाजपा की जीत में शाह की बड़ी भूमिका
2012 में वे नारायणपुर विधान सभा से जीत कर आए और 2013 में भाजपा के महासचिव नियुक्त किए गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा को उत्तर प्रदेश में ज़बरदस्त विजय दिलवाई। उनकी संगठनात्मक क्षमताओं के लिए उन्हें 2014 में भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। फिर 2019 का लोकसभा चुनाव वे गाँधीनगर से जीते और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के दूसरे शासनकाल में 30 मई 2019 को गृह मंत्री बनाए गए।
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