जम्मू-कश्मीर का राज्य दर्जा बहाली मामला: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब, 6 हफ्तों में पेश करनी होगी रिपोर्ट

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सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने से संबंधित याचिकाओं पर जवाब मांगा है। न्यायालय ने केंद्र को इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है।

न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि यह मुद्दा संवेदनशील है और इस पर केंद्र व जम्मू-कश्मीर प्रशासन के बीच विचार-विमर्श जारी है। अदालत ने कहा,“हम केंद्र सरकार को छह सप्ताह का समय देते हैं ताकि वह इस विषय पर विस्तृत जवाब दाखिल कर सके।”

सॉलिसिटर जनरल बोले – “जम्मू-कश्मीर में लोग खुश, हालात स्थिर”

केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि जम्मू-कश्मीर में पिछले वर्षों में स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, “99.99% लोग भारत सरकार को अपनी सरकार मानते हैं। जम्मू-कश्मीर के लोग विकास और स्थिरता चाहते हैं। जो लोग राज्य का दर्जा बहाल करने की बात कर रहे हैं, उनकी बातों को भी गंभीरता से लिया जा रहा है।”

मेहता ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालात अब पहले की तुलना में काफी शांतिपूर्ण और स्थिर हैं, लेकिन पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले ने यह भी संकेत दिया है कि स्थिति को लेकर सावधानीपूर्वक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।

याचिकाकर्ताओं ने कहा – “केंद्र अपना वादा पूरा करे”

इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि केंद्र सरकार ने खुद 2019 में राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया था और अब उसे इसे पूरा करना चाहिए।

“राज्य का दर्जा 2019 में छीना गया था, अब 2025 हो गया है। पांच साल बीत गए, अब सरकार को अपने वादे पर अमल करना चाहिए,” उन्होंने कहा।

उन्होंने तर्क दिया कि जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक संस्थाओं को सशक्त करने और जनता को प्रतिनिधित्व देने के लिए राज्य का दर्जा बहाल करना आवश्यक है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा – केंद्र की प्रतिक्रिया के बाद होगी आगे की सुनवाई

पीठ ने कहा कि फिलहाल इस मामले पर कोई ठोस निर्णय नहीं दिया जाएगा। “हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार अपने परामर्श और निर्णय प्रक्रिया को पूरा करे। छह हफ्तों के भीतर विस्तृत जवाब आने के बाद हम इस पर आगे विचार करेंगे,” अदालत ने कहा।

सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले महीनों में राज्य दर्जा बहाली पर केंद्र का रुख स्पष्ट हो सकता है।