“मुझे और रन बनाने की उम्मीद थी”, शतक से चूकने के बाद बोले साई सुदर्शन बोले, जायसवाल के साथ साझेदारी को बताया खास

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भारत के युवा बल्लेबाज साई सुदर्शन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ चल रहे दूसरे टेस्ट मैच में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन 87 रन पर आउट होकर अपने पहले टेस्ट शतक से चूक गए। अपनी पारी के बाद उन्होंने कहा कि भले ही शतक पूरा न हो पाया हो, लेकिन वह टीम के लिए किए गए योगदान से संतुष्ट हैं।

सुदर्शन ने 165 गेंदों में 12 चौकों की मदद से 87 रन बनाए और यशस्वी जायसवाल के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 193 रन की साझेदारी की। उनके आउट होने के समय भारत मजबूत स्थिति में था और जायसवाल 170+ रन बनाकर क्रीज पर डटे हुए थे।

“मन में शतक की ख्वाहिश थी, लेकिन योगदान से खुश हूं” — सुदर्शन

साई सुदर्शन ने मैच के बाद कहा, “मैं आज की अपनी पारी के लिए निश्चित रूप से आभारी हूं। लेकिन मन में हमेशा वो छोटी सी ख्वाहिश होती है कि शतक पूरा हो जाए। इसलिए मुझे थोड़ा अफसोस है कि मैं 87 पर आउट हो गया, क्योंकि मैं और रन बनाना चाहता था।”

पहले टेस्ट में सुदर्शन रन नहीं बना पाए थे, लेकिन दूसरे मैच में उन्होंने निडर होकर बल्लेबाजी की। उन्होंने कहा,“मैं इस बार रन के बारे में ज़्यादा नहीं सोच रहा था। बस खुद को थोड़ा समय दिया और चीज़ों को स्वाभाविक रूप से होने दिया। जबरदस्ती कुछ करने की कोशिश नहीं की।”

जायसवाल के साथ साझेदारी को बताया “सीखने वाला अनुभव”

सुदर्शन ने कहा कि यशस्वी जायसवाल के साथ बल्लेबाजी करना शानदार अनुभव रहा। उन्होंने बताया कि जायसवाल की बल्लेबाजी देखकर उन्हें कई नई चीज़ें सीखने को मिलीं।

उन्होंने कहा, “जायसवाल के साथ खेलना वाकई रोमांचक रहा। वह बेहतरीन शॉट्स खेलते हैं और अच्छी गेंदों को भी बाउंड्री में बदल देते हैं। उन्हें देखकर मैंने समझा कि किन गेंदों पर कौन से शॉट्स खेले जा सकते हैं।”

सुदर्शन ने यह भी कहा कि टीम के लिए ऐसी साझेदारियां महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इससे भारत को बड़ी बढ़त हासिल करने में मदद मिलती है।

युवा बल्लेबाज ने दिखाया संयम और क्लास

सुदर्शन की पारी ने एक बार फिर यह साबित किया कि वह लंबी पारियां खेलने की क्षमता रखते हैं। उनकी तकनीक और शॉट चयन ने दर्शकों और क्रिकेट विश्लेषकों को प्रभावित किया है। विशेष रूप से जायसवाल के साथ उनकी साझेदारी ने भारत को शुरुआती विकेट के बाद मजबूत नींव दी, जिससे टीम बड़े स्कोर की ओर अग्रसर है।