टेस्ट में छक्कों की होड़! जानिए किन बल्लेबाजों ने लगाए सबसे ज्यादा सिक्स

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टेस्ट में छक्कों की होड़!
टेस्ट में छक्कों की होड़!

टेस्ट क्रिकेट को पारंपरिक रूप से एक शांत और धैर्य वाला खेल माना जाता है, लेकिन वक्त के साथ इस फॉर्मेट में भी आक्रामकता ने जगह बना ली है। सीमित ओवरों की क्रिकेट से प्रभावित होकर अब टेस्ट मैचों में भी बल्लेबाज बड़े शॉट खेलने से पीछे नहीं हटते। यही वजह है कि अब टेस्ट क्रिकेट में भी छक्कों के आंकड़े तेजी से बढ़ते नजर आ रहे हैं। आइए जानते हैं टेस्ट इतिहास में सबसे अधिक छक्के लगाने वाले टॉप 5 बल्लेबाजों के बारे में:

  1. बेन स्टोक्स – 133 छक्के

इंग्लैंड के मौजूदा टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स ने इस लिस्ट में टॉप पर जगह बना ली है। 112 टेस्ट में 201 पारियों के दौरान उन्होंने 6781 रन बनाए हैं, जिसमें 133 सिक्स शामिल हैं। 35.31 के औसत से रन बनाने वाले स्टोक्स के नाम 786 चौके भी दर्ज हैं। इंग्लैंड की ‘बैजबॉल’ शैली में उनकी भूमिका बेहद अहम मानी जाती है।

  1. ब्रेंडन मैकुलम – 107 छक्के

न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान और वर्तमान में इंग्लैंड के हेड कोच ब्रेंडन मैकुलम का नाम इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने 101 टेस्ट मैचों में 6453 रन बनाए, जिनमें 107 छक्के शामिल हैं। 38.64 के औसत से खेलने वाले मैकुलम ने 776 चौके भी जड़े। उन्हें ही आधुनिक टेस्ट क्रिकेट में आक्रामक खेलने की शुरुआत का श्रेय दिया जाता है।

  1. एडम गिलक्रिस्ट – 100 छक्के

ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने सिर्फ 96 टेस्ट में 5570 रन बनाए और इस दौरान 100 छक्के भी जमाए। 47.60 का औसत और 677 चौकों के साथ उनका नाम तीसरे स्थान पर आता है। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में आक्रामक बल्लेबाजी की एक नई मिसाल पेश की थी।

  1. टिम साउदी – 98 छक्के

न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज टिम साउदी भले ही अपनी गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं, लेकिन उन्होंने बल्ले से भी कई बार चौंकाया है। 107 टेस्ट मैचों में उन्होंने 2245 रन बनाए हैं और 98 छक्के लगाए हैं। उनका बल्लेबाजी औसत भले ही 15.48 है, लेकिन निचले क्रम में उनका योगदान आक्रामक होता है।

  1. क्रिस गेल – 98 छक्के

वेस्टइंडीज के ‘यूनिवर्स बॉस’ क्रिस गेल भी इस सूची में शामिल हैं। उन्होंने 103 टेस्ट की 182 पारियों में 7214 रन बनाए और 98 सिक्स लगाए हैं। 42.18 के औसत के साथ उनके नाम 1046 चौके भी दर्ज हैं। उनका दमदार और एग्रेसिव खेल टेस्ट फॉर्मेट में भी उतना ही खतरनाक रहा जितना सीमित ओवरों में।

आज के दौर में टेस्ट क्रिकेट तेजी से बदल रहा है, और ये खिलाड़ी इस बदलाव के प्रतीक बन चुके हैं। संयम और ताकत का मेल अब टेस्ट क्रिकेट की नई पहचान बनता जा रहा है।