केंद्र सरकार ने आधार कार्ड को कई अहम चीजों के लिए अनिवार्य कर दिया है। जिसमें सब्सिडी पर एलपीजी गैस,खाद्य पर्दाथ, बैंकिंग कारोबार, मिड-डे मील और कर विभाग से संबंधित सभी योजनाएं शामिल है। इसके बाद भी सरकार लगातार हर एक काम के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य करती जा रही। चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अगुवाई वाली बेंच ने आधार कार्ड को हर जगह जरूरी करने के मामले में कहा कि अब आधार कार्ड को समाज की कल्याणकारी योजनाओं के लिए आवश्यक नहीं बनाया जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार को कल्याणकारी योजनाओं के अलावा बाकी कार्यों में आधार कार्ड को अनिवार्य किया जाएगा जिसमें बैंक खाते खोलने जैसी योजनाएं भी शामिल है। हाल ही में आधार कार्ड को पैन कार्ड और आयकर रिटर्न भरने के लिए अनिवार्य कर दिया गया है
सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि इस मामले की सुनवाई के लिए सात जजों की बेंच बनाना संभव नहीं है इसलिए सामाजिक कल्याण के कार्यों में आधार कार्ड जरूरी न करके गैर-लाभकारी योजनाओं के इसकी अनिवार्यता जरूरी होगी और इसके लिए सरकार को रोका भी नहीं जा सकता। कुछ ही समय पहले केंद्र सरकार ने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए 12 अंको वाले आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है। जिसमें स्कूलों में मिलने वाला मिड-डे मील भी शामिल था हालांकि बाद में इसमें छूट देने का फैसला लिया गया था। सरकार ने इसके अलावा भी कई चीजों पर आधार कार्ड जरूरी किया जिसमें पिछड़े वर्ग और विकलांगों को मिलने वाली स्कॉलरशिप भी शामिल थी। ट्रेन यात्रा के लिए टिकटों का आरक्षण कराने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य किये जाने की पहल चल रही है।
सरकार का सबसे मुख्य कार्य यह सुनिश्चित करना था कि 30 जून तक सभी के पास आधार कार्ड हो। सुनवाई में कोर्ट ने आधार जरूरी करने के विषय पर सुनवाई को लेकर कोई निश्चत तारीख देने से इंकार कर दिया और कहा कि कोर्ट समय को ध्यान में रखकर सुनवाई करेगी।