गैंगस्टर-नेता मुख्तार अंसारी मुख्तार अंसारी की बृहस्पतिवार को बांदा में हार्ट अटैक से मौत हो गई। बेटे उमर ने अपने पिता की हत्या का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग की है और आज परिवार की मौजूदगी में मुख़्तार के शव का पोस्टमॉर्टम होगा। जानकारी के मुताबिक जिसके बाद उसे बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था, जहां उन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। अंसारी की मौत के बाद पूर्व डीएसपी शैलेन्द्र सिंह ने उससे जुड़ा एक किस्सा याद किया है और उन्होंने यह भी दावा किया कि मुलायम सिंह की सरकार मुख्तार अंसारी को बचाना चाहती थी और मुझे इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया।
मुख्तार की मौत के बाद पूर्व DSP शैलेंद्र सिंह ने दावा किया है कि मुलायम सिंह की सरकार हर कीमत पर मुख्तार को बचाना चाहती थी साथ ही उन्होंने कहा कि दूसरों पर डर बनाने वाला खुद अंत में इतना डर गया कि उसे हार्ट अटैक आ गया। 20 साल पहले का किस्सा याद करते हुए सिंह बताते है कि 2004 में मुख्तार अंसारी का साम्राज्य चरम पर था और अंसारी जहां कर्फ्यू लगा होता था वो उन इलाकों में खुली जीप में घूमता था। उस समय मैंने मुख्तार के पास से एक लाइट मशीन गन बरामद की थी, इससे पहले या उसके बाद कोई बरामदगी नहीं हुई थी। मैंने उन पर पोटा भी लगाया लेकिन मुलायम सरकार उन्हें बचाना चाहती थी।
आगे शैलेंद्र सिंह बताते हैं कि मुलायम सरकार ने अधिकारियों पर दबाव डाला, आईजी-रेंज, डीआईजी और एसपी-एसटीएफ का तबादला कर दिया गया और यहां तक कि मुझे 15 के भीतर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा- “लेकिन मैंने अपने इस्तीफे में अपना कारण लिखा और जनता के सामने रखा कि यह वही सरकार है जिसे आपने चुना था और जो माफियाओं को संरक्षण दे रही है और उनके आदेश पर काम कर रही है। मैं किसी पर एहसान नहीं कर रहा था, यह मेरा कर्तव्य था”।