Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन समारोह 22 जनवरी 2024 को होना तय हुआ है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह में शामिल होंगे ये खुलासा उन्होंने हाल ही में किया। इस भव्य उद्घाटन समारोह की तैयारियां 15 जनवरी से ही शुरू कर दी जाएगी।
राम मंदिर का इतिहास (History of Ram Temple)
सनातन धर्म में श्रीराम को भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का सातवां अवतार माना जाता है। वो दुनियाभर में पूजे जाने वाले राजा हैं। प्राचीन महाकाव्य वाल्मीकि रामायण में बताया गया है कि प्रभु श्रीराम का जन्म त्रेतायुग में अयोध्या में हुआ था। अयोध्या में जहां पर उनका जन्म हुआ था उस जगह को राम जन्मभूमि के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि 15वीं शताब्दी में मुगल शासकों ने राम जन्मभूमि पर एक मस्जिद का निर्माण करवाया था। सनातन धर्म के अनुयायियों का कहना है कि इस मस्जिद का निर्माण मुगलों ने राम जन्मभूमि पर मंदिर को खंडित करके करवाया था। हिंदुओं के इस दावे के बाद साल 1850 से इस मामले में विवाद होना शुरू हो गया था।
इसके बाद कई बार विश्व हिन्दू परिषद् ने विवादित जगह पर राम मंदिर बनाने की घोषणा की। इसके लिए 1990 के दशक में विश्व हिन्दू परिषद् ने “श्री राम” लिखी ईंटें और धनराशि एकत्रित की। एक समय पर सरकार ने विश्व हिन्दू परिषद् को मंदिर बनाने की अनुमति दे दी थी। लेकिन कुछ कारणों की वजह से वहां मंदिर का निर्माण शुरू नहीं हो सका। इस बीच मंदिर को लेकर विवाद बढ़ता गया और साल 1992 में इस विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। साल 1992 में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिरा दिया गया। इसके बाद साल 2019 में भारत के सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने फैसला सुनाया कि विवादित जगह को सरकार एक ट्रस्ट को सौंप दे। जिसके बाद सरकार ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट का गठन करके वह जमीन ट्रस्ट को सौंप दी है। ट्रस्ट ने मार्च 2020 से राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया है। जिसके आगामी साल 2024 में पूरा होने की संभावना है।