शेयरों की खरीद और ब्रिकी से होने वाली कमाई बिजनेस इनकम मानी जाती है या इसे पूंजीगत लाभ के रूप में देखा जाता है। कई लोग इस बात से बेखबर होते हैं कि उनको शेयर से होने वाली कमाई पर भी टैक्स देना है।
जानकार बताते हैं कि शेयर से होने वाली कमाई की कैलकुलेशन होल्डिंग पीरियड से तय होती है। अगर शेयर खरीदने या बेचने वाले के पास शेयर एक साल से अधिक समय से है तो इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा। वहीं अगर समय अवधि एक साल या उससे कम की है तो इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा।
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन : ये एक वर्ष से कम या उसके बराबर रखे गए एसेट से होने वाला लाभ है। इसमें आमतौर पर आपके लाभ पर 15 प्रतिशत टैक्स लगाया जाता है।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन:ये एक वर्ष से अधिक समय तक एसेट रखने पर होने वाला लाभ है। लिस्टेड सिक्योरिटी पर इंडेक्सेशन के लाभ के बिना 10% की एक समान दर से टैक्स लगाया जाता है।
IPO से होने वाली कमाई पर कैसे वसूला जाता है टैक्स
जानकार बताते हैं कि आईपीओ से आय के मामले में, वही आयकर नियम लागू होगा लेकिन स्टॉक का होल्डिंग पीरियड यह निवेश की तारीख से नहीं बल्कि निवेशक को शेयरों के आवंटन की तारीख से माना जाएगा। आवेदन की तारीख को निवेश की तारीख इसलिए नहीं माना जा सकता है क्योंकि जब आप आईपीओ के लिए आवेदन करते हैं, तो आपके पास स्टॉक नहीं होता है और इसलिए, यह निवेश की तारीख नहीं हो सकती है।