केंद्र ने सरकार की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए एक चुनाव अभियान में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप निदेशकों को जिला “रथप्रभारी” के रूप में नियुक्त करने की योजना बनाई है। जिसके चलते बीजेपी और कांग्रेस एक बार फिर से आमने सामने हैं। जहां कांग्रेस ने भगवा पार्टी पर नौकरशाही का “राजनीतिकरण” करने का आरोप लगाया है, वहीं बीजेपी नेता कांग्रेस की आपत्ति से “चकित” हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अभियान वापस लेने का आग्रह किया है।
‘रथप्रभारी’ कौन हैं?
केंद्र सरकार की पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों को उजागर करने के अभियान में केंद्र ने संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप निदेशकों को जिला “रथप्रभारी” के रूप में नियुक्त करने की योजना बनाई है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा 18 अक्टूबर को जारी एक सर्कुलर में, “विकसित भारत संकल्प यात्रा” के माध्यम से भारत सरकार की पिछले 9 वर्षों की उपलब्धियों का प्रदर्शन/उत्सव मनाने के संबंध में कृषि सचिव के एक पत्र का हवाला दिया गया है। सरकारी सर्कुलर में कहा गया है कि 20 नवंबर 2023 से 25 जनवरी 2024 तक ग्राम पंचायत स्तर पर सूचना का प्रसार , जागरूकता और सेवाओं का विस्तार किया जाएगा । देश के 2.69 लाख ग्राम पंचायतों को कवर करने वाले प्रत्येक 765 जिलों में जिला रथप्रभारी (विशेष अधिकारी) के रूप में तैनाती के लिए विभिन्न सेवाओं से संबंधित संयुक्त सचिव / निदेशक / उप सचिव रैंक के अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।
सर्कुलर में कहा गया है, “रथ यात्रा की तैयारियों, योजना, कार्यान्वयन, निगरानी के लिए समन्वय करने के लिए, उन्होंने भारत सरकार के संयुक्त सचिवों/निदेशक/उप सचिवों को रथप्रभारी (विशेष अधिकारी) के रूप में तैनात करने का निर्णय लिया है।”
विपक्ष क्या कह रहा है?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को पीएम मोदी को पत्र लिखकर सर्कुलर वापस लेने का आग्रह किया और कहा कि यह कई कारणों से “गंभीर चिंता” का विषय है। यह आरोप लगाते हुए कि अधिकारियों को मौजूदा सरकार की “मार्केटिंग एक्टिविटी” के लिए नियुक्त किया जा रहा है, खड़गे ने लिखा, “यह केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 का स्पष्ट उल्लंघन है। जो निर्देश देता है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनीतिक गतिविधि में भाग नहीं लेगा। हालाँकि सरकारी अधिकारियों के लिए सूचना प्रसारित करना स्वीकार्य है। लेकिन उन्हें बीजेपी कार्यकर्ताओं में नहीं बदल देना चाहिए।
उन्होंने कहा, “यह तथ्य कि केवल पिछले नौ वर्षों की ‘उपलब्धियों’ पर विचार किया जा रहा है, इस तथ्य को उजागर करता है कि यह पांच राज्यों के चुनावों और 2024 के आम चुनावों के लिए एक राजनीतिक आदेश है।” खड़गे ने 9 अक्टूबर, 2023 के रक्षा मंत्रालय के एक अन्य आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें वार्षिक छुट्टी पर गए सैनिकों को सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर समय बिताने का निर्देश दिया गया था। उन्होंने कहा, “सेना प्रशिक्षण कमान, जिसे हमारे जवानों को देश की रक्षा के लिए तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देने में व्यस्त है।”
बीजेपी का कांग्रेस पर पलटवार
हालाँकि, बीजेपी नेताओं ने सर्कुलर पर कांग्रेस की आपत्ति पर पलटवार किया है। बीजेपी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा ने कहा कि उन्हें यह देखकर हैरानी होती है कि कांग्रेस को योजनाओं की पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लोक सेवकों के जमीनी स्तर तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी के लिए यह शायद एक अलग अवधारणा है, लेकिन सार्वजनिक सेवा प्रदान करना सरकार का कर्तव्य है।” कांग्रेस पर हमला बोलते हुए नड्डा ने कहा, “कांग्रेस की रुचि केवल गरीबों को गरीबी में रखने में है और इसलिए वे अभियान का विरोध कर रहे हैं।”