अमेरिका की कथित तौर पर धमकी के बाद सीरिया की राजधानी दमिश्क शनिवार सुबह मिसाइल के तेज हवाई धमाकों से दहल उठी। धमाकें इतने खतरनाक थे कि पूरा दमिश्क धुंए में समा गया। ट्रंप ने हमले का ये आदेश सीरिया में 7 अप्रैल को बेगुनाह लोगों पर किए गए रासायनिक हमलों में करीब 40 लोगों की मौत के बाद दिया था। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के मुताबिक, दमिश्क और होम्स में शुक्रवार रात 100 से ज्यादा मिसाइलें दागी गईं। हालांकि सीरियाई के सरकारी टीवी के अनुसार, सीरिया ने जवाबी कार्रवाई में इनमें से 13 को मार गिराया गया है। इस कार्रवाई में फ्रांस और ब्रिटेन भी अमेरिका के साथ निभा रहे हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इन हमलों में अमेरिकी टॉमहॉक मिसाइलों का इस्तेमाल भी किया गया है। वहीं इन हमलों पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए रूस ने इसे राष्ट्रपति पुतिन का अपमान करार दिया है। रूस ने कहा, कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वही सीरिया की सरकारी एजेंसी ने दावा किया है कि  हमले में अब तक 3 लोग घायल हो चुके हैं लेकिन अमेरिका का कहना है कि सिर्फ केमिकल हथियार के जखीरे पर हमला किया जा रहा है।

वहीं सीरिया में 7 अप्रैल को हुए इस रासायनिक हमले की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कड़ी निंदा की थी। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था, सीरिया में रासायनिक हमले में महिलाओं और बच्चों सहित कई लोग मारे गए। राष्ट्रपति पुतिन, रूस और ईरान मानवता की इस हत्या के लिए जिम्मेदार हैं जो सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद जानवर का साथ दे रहे हैं।

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