रविवार, 22 जून 2025 — अमेरिका ने ईरान के परमाणु अड्डों पर एयरस्ट्राइक से पहले एक खुफिया संदेश पकड़ा, जिसने वॉशिंगटन को हिला कर रख दिया। इस संदेश में ईरान ने चेतावनी दी थी कि यदि उसके न्यूक्लियर फैसिलिटीज पर हमला हुआ, तो वह अमेरिका के भीतर गुप्त रूप से मौजूद अपने स्लीपर सेल्स को सक्रिय कर देगा।
NBC न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह चेतावनी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कनाडा में चल रहे G7 शिखर सम्मेलन के दौरान सौंपी गई थी। कहा जा रहा है कि इसी धमकी के बाद ट्रंप ने 16 जून की सुबह शिखर सम्मेलन को बीच में छोड़कर अमेरिका वापसी की और तेजी से सैन्य विकल्पों पर विचार करना शुरू कर दिया।
अमेरिका के बड़े शहरों में अलर्ट, खतरे की आशंका
ईरान की धमकी के बाद अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने कमान संभाल ली है। न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलेस, वॉशिंगटन डीसी और शिकागो जैसे प्रमुख शहरों में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। सूत्रों के मुताबिक, आतंकी गतिविधियों के इनपुट्स को देखते हुए विशेष सतर्कता बरती जा रही है। विशेषज्ञों की राय है कि यदि ईरान के स्लीपर सेल्स अमेरिका के भीतर सक्रिय हुए, तो यह देश की सुरक्षा के लिए अत्यंत गंभीर चुनौती बन सकता है।
पाकिस्तान और ओमान की तीखी प्रतिक्रिया
अमेरिकी हवाई हमले के बाद कई इस्लामी देशों ने नाराजगी जाहिर की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस कार्रवाई की कड़े शब्दों में आलोचना की। उन्होंने कहा: “हम ईरान पर हमले की कड़ी निंदा करते हैं और मृतकों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं। यह कदम बेहद गैरजिम्मेदार और चिंताजनक है।” वहीं, ओमान ने भी अमेरिका की कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई। ओमानी विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान में कहा गया: “यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सीधा उल्लंघन है। ओमान हमेशा क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और संवाद के पक्ष में रहा है।”
साथ ही ओमान ने यह भी याद दिलाया कि वह वर्षों से ईरान और पश्चिमी देशों के बीच मध्यस्थता की भूमिका निभाता आया है, और इस मामले में उसकी प्रतिक्रिया भी उसी जिम्मेदारी का हिस्सा है।
यह घटना पश्चिम एशिया में हालात को और ज्यादा विस्फोटक बना सकती है। अब दुनिया की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि ईरान अगला कदम क्या उठाएगा, और क्या यह तनाव एक व्यापक संघर्ष में बदल सकता है।