जम्मू-कश्मीर में लगातार बढ़ती आतंकी घटनाओं के बीच राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान से बातचीत कर इसको रूकने का पक्ष रखा है उन्होंने कहा है कि अगर आंतकी घटनाओं को रोकना है तो पाकिस्तान से बातचीत करना जरूरी है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि अगर ऐसा ही रहा तो पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ेंगी।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्य विधानसभा में कहा कि ‘दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से कुछ मीडिया हाउसेस ने ऐसा माहौल बना दिया है कि यदि हम बातचीत की वकालत करेंगे तो हमें एंटी नेशनल का तमगा दे दिया जाएगा, लेकिन कश्मीर के लोग पीड़ित हैं। युद्ध नहीं बातचीत ही विकल्प है। हमने अब तक पाकिस्तान के खिलाफ लड़े गए सारे युद्ध जीते हैं, लेकिन आज भी बातचीत के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। हमने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध किए हैं और सभी युद्ध जीते भी हैं।’
वही महबूबा मुफ्ती के बयान के उलट जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा, ‘जितना आतंकवाद बढ़ेगा, उतनी मुसीबत आएगी और उनके मुल्क में ज्यादा मुसीबत आएगी। वहां कुछ भी नहीं रहेगा। अगर यही सूरत रही तो हिंदुस्तान की हकुमत को भी सोचना पड़ेगा कि अगला कदम क्या होगा।’
आपको बता दें कुछ दिन पहले ही फारूख अब्दुल्ला ने इसी तरह का बयान देते हुए कहा था, , ‘अगर पाकिस्तान भारत से अच्छे संबंध चाहता है तो उसे आतंकवाद बंद करना होगा। शांति कायम रखने के लिए पाकिस्तान को अपना रूख बदलना होगा और आतंकवाद बंद करना होगा, यदि पाकिस्तान नहीं माना तो बुरा नतीजा होगा और जंग हो जाएगी।’
गौरतलब है कि शनिवार की सुबह सेना के कैंप पर आतंकियों ने हमला कर दिया था, जिसका जवानों ने मुहतोड़ जवाब दिया, लेकिन इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए, वहीं एक आम नागरिक को भी अपनी जान गंवानी पड़ी है। जम्मू-कश्मीर में सुंजवां आर्मी कैंप को आतंकियों ने निशाना बनाया था। यह हमला शनिवार सुबह करीब पांच बजे हुआ था। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ऑपरेशन करीब 51 घंटे चला। जवानों ने चार आतंकियों को मार गिराया। फिलहाल सर्च ऑपरेशन जारी है।