कश्मीर में हिंसा की आग लगातार बढ़ती जा रही है। इस आग को सुलगाए रखने के पीछे हाल ही में एक बड़ा खुलासा हुआ है। कश्मीर में हिंसा भड़काने और अशांति बनाए रखने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पत्थरबाजों तक पैसा पहुंचाने के लिए सदियों पुराना तरीका इस्तेमाल कर रहा है।
न्यूज चैनल के सूत्रों के मुताबिक, कश्मीर में पत्थरबाजों की फंडिंग की जांच एनआईए कर रही है। एनआईए की जांच में पता चला कि पाकिस्तान ने एक नई तरकीब निकाली है। पाकिस्तान पत्थारबाजों को बढ़ावा देने के लिए कैशलेस फंडिंग कर रहे हैं। इस काम के लिए सदियों पुरानी विनिमय प्रणाली(बार्टर सिस्टम) का सहारा लिया जा रहा है। कश्मीर में अक्तूबर 2008 से इस बार्टर सिस्टम के जरिए 21 सामानों का कारोबार होता रहा है।
कारोबार का ये रास्ता दोनों देशों के बीच आपसी भरोसा बढ़ाने के लिए किया गया था। लेकिन अब इसका इस्तेमाल कश्मीर की आग को सुलगाने के लिए हो रहा है। सूत्रों की मानें तो आईएसआई ने पत्थरबाजों की फंडिंग के लिए पीओके में पूरे इंतजाम किए हैं। सीमा पर व्यापार में आदान-प्रदान की फर्जी चालान का सहारा लेते हैं।
आयात-निर्यात के सामान की कीमत बहुत कम दिखाई जाती है। बते पैसे का बड़ा हिस्सा अलगाववादियों तक पहुंचा दिया जाता है। इस तरीके से अलगाववादियों को अब तक 75 करोड़ रूपये दिये जा चुके हैं। जिसमें इस साल में ही यह आंकड़ा 10 करोड़ तक पहुंचा है।