सुप्रीम कोर्ट ने सर्च इंजन गूगल और याहू को कड़ी चेतावनी दी है। कोर्ट ने गूगल और याहू को प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण (PNDT) से संबंधित विज्ञापनों पर सख्त नाराजगी जताई है। कोर्ट ने गूगल और याहू जैसे सर्च इंजनों को निर्देश दिया है कि तत्काल भ्रूण जांच संबंधित जानकारियां और विज्ञापन हटा दें। इसके अलावा केंद्र सरकार को भी निर्देश दिया है कि नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर एक नोडल एजेंसी का गठन किया जाए, जो वेबसाइट्स पर नज़र रखने का काम करें।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी सर्च इंजनों को निर्देश देते हुए कहा है, कि आप देश के कानून का उल्लंघन कर रहे है और यह मान्य नहीं होगा। आपको किसी भी परस्थिति में भारतीय कानून मानना पड़ेगा। जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच को सर्च इंजन की यह दलील सही नहीं लगी कि उनके लिए पीएनडीटी से संबंधित विज्ञापनों को पूरी तरह से हटाना संभव नहीं है। जस्टिस दीपक ने कहा कि भारतीय कानून का पालन करते हुए सभी सर्च इंजन को पीएनडीटी से संबंधित विज्ञापनों को हटाना होगा।
सर्च इंजन का कहना है कि वह भारतीय कानून का सम्मान करते हैं लेकिन इस संबंध में समिति के गठन को लेकर उनके समक्ष कई परेशानियां हैं। बेंच ने घटते लिंगानुपात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि भारत में ऐसी जानकारी की जरूरत नहीं है कि लड़का होगा या लड़की। देश में लिंगानुपात गिर रहा है और हमें इसकी चिंता है।
गूगल के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक काम हो रहा है। गूगल खुद से ऐसे विज्ञापनों और कंटेंट को ब्लॉक करने के लिए कदम उठा रहा है।