आज यानि मंगलवार 25 अक्टूबर 2022 को ब्रिटेन के बकिंघम पैलेस में महाराजा चार्ल्स तृतीय से मुलाकात के बाद ऋषि सुनक (Rishi Sunak) यूके के प्रधानमंत्री का पद संभालेंगे. इसके साथ ही वही 210 वर्षों में सबसे कम उम्र के ब्रिटिश प्रधानमंत्री भी बनने जा रहे हैं. सुनक पिछले 7 सप्ताह में ब्रिटेन के तीसरे प्रधानमंत्री होंगे.
रविवार को ब्रिटेन के नेतृत्व के लिए ऐतिहासिक दौड़ में कंजरवेटिव पार्टी के नेता चुने गए ऋषि सुनक ने प्रधानमंत्री (Rishi Sunak Prime Minister) की रेस में हाउस ऑफ कॉमन्स में पार्टी के नेता पेनी मोर्डंट को पछाड़ा. निवर्तमान प्रधानमंत्री लिज ट्रस आज सुबह 10 डाउनिंग स्ट्रीट (ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का आवास-सह-कार्यालय) में अपनी अंतिम मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करेंगी, इसके बाद वह महाराजा चार्ल्स तृतीय को औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा देने के लिए बकिंघम पैलेस जाएंगी.

कैसे चुने गए सुनक?
ऋषि सुनक ने ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचा. कंजरवेटिव पार्टी के नेता की रेस में पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और पेनी मोर्डंट चुनाव में खड़े होने के लिए आवश्यक 100 सांसदों का समर्थन नहीं जुटा सके, इसके बाद पहले तो बोरिस जॉनसन और उसके बाद मोर्डंट ने भी ऋषि सुनक के नाम का समर्थन किया. मॉर्डंट के भी दौड़ से हटने की घोषणा के बाद सुनक को कंजरवेटिव पार्टी का निर्विरोध नेता चुन लिया गया. कंजरवेटिव पार्टी के 357 में से आधे से अधिक सांसदों का समर्थन ऋषि सुनक को मिला है.

हालांकि ऋषि सुनक का चुनाव फास्ट ट्रैक चुनाव माध्यम से हुआ है. फास्ट ट्रैक माध्यम से हुए चुनाव में शीर्ष पद के लिए ऋषि सुनक और पेनी मोर्डंट के बीच दौड़ देखी गई थी. फास्ट ट्रैक चुनाव ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी द्वारा चुनावों में देरी न करने का एक प्रयास था.
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सुनक का सियासी सफर
ऋषि सुनक पहली बार वर्ष 2015 में उत्तरी इंग्लैंड के यॉर्कशायर के रिचमंड से सांसद चुने गए थे. इसके बाद उन्होंने कंजर्वेटिव पार्टी में जल्दी ही अपनी जगह शीर्ष स्तर पर बनाई और 2015-16 के दौरान ब्रेक्सिट को लेकर ब्रिटेन में उठ रही मांगो का और बाद में ब्रेक्सिट के लिए समर्थन किया. वह अपने ‘यूरोपीय संघ छोड़ो’ अभियान के दौरान बोरिस जॉनसन के समर्थकों में से एक थे.
सुनक ने ब्रिटिश संसद में भगवद गीता को साक्षी मानकर यॉर्कशायर से सांसद के रूप में शपथ ली थी. ऐसा करने वाले वह ब्रिटेन के पहले सांसद थे.

रिचमंड के निर्वाचन क्षेत्र एक सुरक्षित और भारी श्वेत कंजर्वेटिव सीट (A safe and overwhelmingly white Conservative seat) जो उन्होंने 2015 में पार्टी के पूर्व नेता और विदेश सचिव विलियम हेग से ली थी. हेग ने सुनक को “असाधारण” बताया था.
ब्रिटेन की तत्कालीन प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने जनवरी 2018 में सुनक को सरकार में पहली जिम्मेदारी दी थी, जिसमें वह स्थानीय सरकार (Local Governments), पार्कों और परेशान परिवारों (Troubled Families) के लिए एक जूनियर मंत्री बनाए गए थे.
इसके बाद फरवरी 2020 में उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सरकार में ब्रिटेन के कैबिनेट के सबसे महत्वपूर्ण पद, ‘चांसलर ऑफ एक्सचेकर’ यानी वित्त मंत्री नियुक्त किया गया था. इस पद पर वो 2022 तक बने रहे.
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क्या है भारतीय कनेक्शन
12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथम्पैटन में जन्में ऋषि सुनक के दादा-दादी का जन्म पंजाब प्रांत (जो अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित गुजरांवाला में पड़ता है) में हुआ था, जबकि ऋषि सुनक के पिता का जन्म केन्या तो उनकी मां का जन्म तंजानिया में हुआ था.

ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने ऋषि सुनक के माता-पिता दोनों भारतीय मूल के हैं. सुनक के पिता यशवीर सुनक डॉक्टर थे तो वहीं उनकी मां उषा सुनक एक केमिस्ट (दवाखाना) की दुकान चलाती थीं. सुनक के पिता 1960 के दशक में केन्या से ब्रिटेन चले गए थे. उनके पिता यशवीर सुनक इंग्लैंड के दक्षिण तट पर साउथेम्प्टन में एक पारिवारिक चिकित्सक थे.
ऋषि सुनक ने इंफोसिस प्रमुख के नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से शादी की है. सुनक दंपति की दो बेटियों का जिनका नाम कृष्णा और अनुष्का है.

ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद उनके ससुर ओर इंफोसिस प्रमुख एन नारायणमूर्ति ने कहा कि हमें उन पर गर्व है और हम उनकी सफलता की कामना करते हैं. मूर्ति ने पीटीआई को दी प्रतिक्रिया में कहा कि ‘ऋषि को बधाई. हमें उन पर गर्व है और हम उनकी सफलता की कामना करते हैं. हमें विश्वास है कि वह यूनाइटेड किंगडम के लोगों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे’.
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