अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई का मानना है कि रूसी हैकरों ने फेक न्यूज चलाकर कतर के सऊदी अरब और दूसरे खाड़ी देशों के साथ राजनयिक रिश्ते खराब किए हैं। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के समय भी यह खबर आई थी कि रूसी हैकरों ने अमेरिका की एक वोटिंग सॉफ्टवेयर कंपनी को हैक किया था और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों को प्रभावित किया था। एफबीआई ने मामले की जांच में कतर सरकार की मदद के लिए एक टीम भी दोहा भेज दी है।

अमेरिकन मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार, मई के अंत में एफबीआई के कुछ विशेषज्ञ एक कथित साइबर हमले की जांच के लिए कतर के दौरे पर थे। वहां उन लोगों ने पाया कि रुसी हैकर्स ने कतर की सरकारी न्यूज एजेंसी पर एक झूठी खबर डाल दी है। इस खबर में कतर के अमीर के हवाले से कहा गया था कि खाड़ी क्षेत्र में ईरान क्षेत्रीय और इस्लामिक शक्ति है और इसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

हालांकि कतर का कहना था कि यह खबर झूठी है और हैकिंग के जरिए प्लांट की गई है। एक ताजा बयान में कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल-थानी का कहना है कि अब तो एफबीआई ने भी हैकिंग और फेक न्यूज की पुष्टि कर दी है, यह हमारे खिलाफ एक साजिश है। वहीं एफबीआई का भी मानना है कि रुस अमेरिका का कतर से संबंध ख़राब कराना चाहता है क्योंकि खाड़ी क्षेत्र में कतर अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य ठिकाना है, जिसके चलते रूस ने यह कदम उठाया है।

गौरतलब है कि इसी झूठी खबर का हवाला देकर सऊदी अरब समेत 4 खाड़ी देशों ने कतर से राजनयिक और आर्थिक संबंध तोड़ने का फैसला किया था।

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