पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक बार फिर से दहशत का मंजर देखने को मिला, जब एक आत्मघाती हमलावर ने मासूम बच्चों से भरी स्कूल बस को निशाना बना डाला। इस दर्दनाक हादसे में चार बच्चों की जान चली गई, जबकि 38 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। ये हमला खुजदार इलाके के पास उस वक्त हुआ जब बस जीरो पॉइंट के करीब से गुजर रही थी। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमलावर ने विस्फोटकों से भरी कार के ज़रिए खुद को उड़ा लिया।
घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि जिनकी हालत ज्यादा गंभीर है उन्हें बेहतर इलाज के लिए क्वेटा और कराची भेजा गया है। इस बर्बर हमले की चौतरफा निंदा हो रही है। पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने हमले पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि निर्दोष बच्चों को निशाना बनाना अमानवीय है और जो इसके पीछे हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक बयान साझा करते हुए कहा, “ये हमला सिर्फ मासूमों पर नहीं, पूरे देश की एकता पर किया गया है। यह हमारे मुल्क को अस्थिर करने की नापाक साजिश है, जिसे हम कभी कामयाब नहीं होने देंगे।” नकवी ने शहीद बच्चों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना भी व्यक्त की।
बलूचिस्तान लंबे समय से तनाव और हिंसा की चपेट में है। अलगाववादी संगठन इस क्षेत्र को पाकिस्तान से अलग करके एक स्वतंत्र देश बनाने की मांग कर रहे हैं। पहले भी पाकिस्तानी सेना और सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमले होते रहे हैं, लेकिन इस बार बच्चों को निशाना बनाना बेहद चौंकाने वाला और दुखद है।
पाकिस्तान, जो लंबे समय से आतंकवाद को विदेश नीति के औज़ार के रूप में इस्तेमाल करने के आरोपों से घिरा रहा है, अब खुद उसी आग में जल रहा है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाक समर्थित आतंकियों के हमले में 26 भारतीय पर्यटक मारे गए थे। अब उसी पाकिस्तान की सरज़मीं पर मासूम बच्चों की जान ली जा रही है।
यह घटना न सिर्फ पाकिस्तान के आंतरिक हालात की पोल खोलती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि आतंकवाद कभी किसी एक देश तक सीमित नहीं रहता — वह लौटकर ज़रूर आता है।