चीनी सोशल मीडिया रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की फैन हो गई है। सिक्किम के अपने दौरे के दैरान रक्षा मंत्री का चीनी सैनिकों को ‘नमस्ते’ कहना चीनी मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है।
इसके बाद चीन ने कहा कि वह शांति बनाए रखने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। चीन ने यह बात तब कही जब भारतीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण नाथूला में चीनी सैनिकों से मिली थी। सीतारमण ने पहली बार सिक्किम में चीन सीमा पर अग्रिम चौकियों का दौरा किया था और चीन के सैनिकों से भी संक्षिप्त बातचीत की थी। उन्होंने चीनी सैनिकों को नमस्ते का मतलब भी बताया था।
चीनी मीडिया में सीतारमण के इस दौरे की चर्चा छाई रही। चीन के सरकारी न्यूज चैनल सीजीटीएन ने बातचीत का विडियो चलाते हुए लिखा कि भारतीय रक्षा मंत्री ने सीमा पर चीनी सैनिकों का अभिवादन किया। पहले वीडियो में वह नमस्ते के साथ चीनी सैनिकों का अभिवादन कर रही हैं जबकि दूसरे वीडियो में रक्षा मंत्री ने चीन के लोगों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
वीडियो में रक्षा मंत्री एक चीनी सैनिक से सवाल करती दिख रही हैं कि क्या वह नमस्ते का अर्थ जानता है। चीनी सैनिक इस पर कुछ भ्रमित दिखाई देता है और इसका अर्थ बताने का प्रयास करते हुए वह नमस्ते कहता है। इस मौके पर कुछ भारतीय सैनिक अपने चीनी समकक्षों की मदद करने का प्रयास करते दिखते हैं लेकिन रक्षा मंत्री उनसे कह रही हैं कि वे चीनी लोगों को खुद ही अर्थ जानने का प्रयास करने दें। कुछ देर बाद एक सैनिक मुस्कुराता हुआ कहता है, नमस्ते का मतलब है कि आपसे मिलकर अच्छा लगा।
Snippet of Smt @nsitharaman interacting with Chinese soldiers at the border at Nathu-la in Sikkim yesterday. Namaste! pic.twitter.com/jmNCNFaGep
— Raksha Mantri (@DefenceMinIndia) October 8, 2017
बता दें कि चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी और चीन सरकार के सीनियर पोजिशन पर कोई ताकतवर महिला नहीं है। निर्मला सीतारमण के इस कदम से चीन में एक अच्छा सकारात्मक संदेश गया है। चीन के रक्षा विशेषज्ञों ने भी उनके इस गुडविल जेस्चर की तारीफ की है। हालांकि चीन का विदेश मंत्रालय इसे ज्यादा तवज्जो नहीं देना चाहता है।
गौरतलब है कि चीन ने सीतारमण को एक बहादुर महिला बताया है। चीनी माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट वीबो ने लिखा, ‘भारत की महिला रक्षा मंत्री ने सीधे-सीधे बॉर्डर की समस्याओं की जाना, क्या बात है, बहादुर महिला।’
वहीं चीनी एक्सपर्ट्स का कहना है कि दोनों देश के नेता सहयोग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। दोनों देशों का फोकस और उनकी प्राथमिकता टकराव और संघर्ष को टालने की है और यह अच्छी बात है जो दोनों देश को शांति की ओर ले जा सकता है।