वित्तीय घोटाले में फंसी मॉरीशस की राष्ट्रपति अमिना गुरीब-फकीम को इस्तीफा देना पड़ा। अमिना ने शनिवार को औपचारिक रुप से इस्तीफा दे दिया है। इस बात की जानकारी उनके वकील यूसुफ मोहम्मद ने दी। उन्होंने कहा, फाइनेंशल इम्प्रोप्रिएटरी के आरोपों की वजह से उनके और प्रधानमंत्री के बीच विवाद पैदा हो गया है।, जिस वजह से उन्होंने देश हित के लिए इस्तीफा दिया है।
राष्ट्रपति के वकील यूसुफ मोहम्मद ने स्थानीय रेडियो प्लस को बताया कि उन्होंने ‘संवैधानिक संकट को रोकने के लिए‘ इस्तीफा देने का फैसला किया है। साथ ही उनके वकील के मुताबिक, ‘अमिना गुरीब-फकीम ने कहा कि उनका राष्ट्रपति के पद को त्यागना ही देश के हित में है। वह नहीं चाहती कि उनके देश को उनकी वजह से किसी भी तरह का कष्ट सहना पड़े।
वकील मोहम्मद ने अपनी बात में आगे कहा, गुरीब-फकीम का इस्तीफा पत्र संसद के अध्यक्ष के पास भेजा जा चुका है और वह 23 मार्च को कार्यालय छोड़ेंगी।
बता दें की मॉरीशस की राष्ट्रपति अमिना गुरीब-फकीम ने बुधवार को अपने ऊपर लगाए हुए, फाइनेंशल इम्प्रोप्रिएटरी जैसे अनेकों प्रधानमंत्री के आरोपों को खारिज करते हुआ कहा कि मैं इन सभी आरोपों के खिलाफ कोर्ट में दस्तावेज पेश करुंगी।
दरअसल, एक स्थानीय अखबार में छपी रिपोर्ट में राष्ट्रपति गुरीब-फकीम पर इंटरनेशनल एंड नॉन गोवर्नमेंटल आर्गेनाइजेशन द्वारा उपलब्ध कराए क्रेडिट कार्ड से उन्होंने दुबई और इटली से कपड़े व गहने खरीदने जैसे आरोप लगाए थे। साथ ही लगातार प्रधानमंत्री के लगाए जा रहे आरोपों कि वजह से दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि हिंद महासागर द्वीपसमूह खुद अफ्रीका और एशिया के बीच एक पुल के रूप में बाजार करता है इसकी अर्थव्यवस्था चीनी, वस्त्र और पर्यटन पर निर्भर है लेकिन यह अपतटीय बैंकिंग, व्यवसाय आउटसोर्सिंग और लक्जरी रीयल एस्टेट जैसे नए क्षेत्रों को विकसित करने की कोशिश कर रहा है।