चीन के राष्ट्रपति रहे जियांग जेमिन (Jiang Zemin) का 96 साल की आयु में आज निधन हो गया है. 17 अगस्त 1926 को जन्मे जेमिन ने चीन में वर्ष 1989 में तियांन एनमन स्क्वेयर (Tiananmen Square) में हुए भीषण जनसंहार के बाद China का नेतृत्व किया था. उन्होंने वर्ष 2002 में पार्टी के नेता हू जिंताओ के हाथ में राष्ट्रपति पद की बागडोर सौंपी थी.
1926 में पूर्वी चीन में जन्मे और शंघाई (Shanghai) में शिक्षा लेने वाले जियांग पेशे से एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे. जियांग ने कॉलेज में रहते हुए ही चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी में शामिल हुए और 1950 के दशक में पूर्व सोवियत संघ में शिक्षा ली थी. पार्टी में अनेकों पद पर काम करने के बाद उनको 1983 में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग का मंत्री बनाया गया था, इसके दो साल बाद जियांग को शंघाई का मेयर नामित किया गया था.
चीन की सरकारी मीडिया ने बताया कि बुधवार को दोपहर के बाद उनका निधन हो गया.
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हाल के दशकों में चीनी इतिहास के प्रमुख शख्सियतों में से एक जियांग ने ऐसे समय में चीन की सत्ता संभाली थी जब चीन ने को बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश के लिए खोला गया था, जिसके चलते तेज गति से वृद्धि दर्ज की गई थी.
1989 में संभाली थी सत्ता
Jiang Zemin के शासनकाल में 1997 में हांगकांग (Hong Kong) का शांतिपूर्ण हस्तांतरण किया गया था, लेकिन 1999 में धार्मिक संप्रदाय फालुन गोंग (Falun Gong) पर भारी कार्रवाई के लिए उनकी आलोचना भी की गई. जियांग 1989 में बीजिंग के तियांन एनमन चौक और उसके आसपास प्रदर्शनकारियों पर हुई खूनी कार्रवाई के बाद सत्ता में आए थे. तियांन एनमन स्क्वेयर पर हुए जनसंहार के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन का बहिष्कार किया गया.
1996 में चीन के राष्ट्रपति रहे Jiang Zemin ने पाकिस्तानी संसद में दिए अपने संबोधन में कहा था कि, “अगर कुछ मुद्दो को फिलहाल सुलझाया नहीं जा सकता तो उन्हें ठंडे बस्ते में डाल देना चाहिए, जिससे दो देशों के बीच सामान्य संबंधों के रास्ते पर आगे बढ़ा जा सके.”
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चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई के पार्टी प्रमुख और महापौर (Mayor) रहे जियांग बहुत अधिक चतुर राजनेता साबित हुए. चीन के सबसे बड़े नेता माने जाने वाले डेंग की 1997 में मृत्यु के बाद जियांग ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ते हुए कुछ ही वर्षों में पार्टी और सेना में अपनी मजबूत पकड़ बनाई.
शुरुआत में एक संक्रमणकालीन (Transitional) व्यक्ति माने जाने वाले जियांग को 1989 में चीन के तत्कालीन सर्वोपरि नेता डेंग शियाओपिंग ने देश भर में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के खूनी सैन्य दमन के बाद पार्टी का नेतृत्व करने के लिए चुना था, उसी वर्ष झाओ जियांग को हटा दिया गया था.
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2002 के अंत में, जियांग ने अपने उत्तराधिकारी हू जिंताओ को पहले पार्टी की कमान और फिर सत्ता सौंपी. लेकिन वह 2005 तक चीन के सैन्य प्रमुख के पद पर बने रहे और अपनी आधिकारिक सेवानिवृत्ति के बाद भी पर्दे के पीछे से राजनीतिक प्रभाव डालना जारी रखा. जियांग चीन के वर्तमान नेता शी जिनपिंग के चयन में भी शामिल थे. जिनपिंग ने हाल ही में एक मिसाल कायम करते हुए तीसरा कार्यकाल ग्रहण किया है.
हालांकि 2002 में सत्ता से हटने के बाद के वर्षों में वे शायद ही कभी सार्वजनिक रूप से देखे गए.
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अमेरिका से संबंधों को बढ़ाने के पक्ष में थे जियान
जियान जेमिन कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) को आधुनिक बनाने के प्रयास में अपनी खुद की राजनीतिक विचारधारा -थ्री रिप्रेजेंटेटिव थ्योरी- के साथ आए थे. अपने सत्ता के समय के दौरान, जियांग ने अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूत करने की मांग की, जिसको लेकर कई बार उन्होंने अमेरिक का दौरा भी किया और 9/11 के हमलों के बाद तालिबान को लेकर छेड़े गए “आतंकवाद के खिलाफ युद्ध” (War on Terror) में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश (George W. Bush) को सहयोग की पेशकश की थी.
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