विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक अहम इंटरव्यू में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को “आर्थिक आतंकवाद” करार देते हुए कहा कि इसका मकसद सिर्फ दहशत फैलाना नहीं, बल्कि कश्मीर के टूरिज्म सेक्टर को बर्बाद करना था। उनका साफ कहना है कि चाहे कोई परमाणु हमले की धमकी दे, भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा।
अमेरिका से मिली थी हमले की सूचना
जयशंकर ने बताया कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वे मौजूद थे, उस समय अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने फोन पर जानकारी दी थी कि पाकिस्तान भारत पर बड़ा हमला करने की तैयारी में है। यह बातचीत 9 मई की रात हुई थी, लेकिन भारत ने किसी भी तरह की धमकी के सामने झुकने से इनकार कर दिया और पीएम मोदी ने दृढ़ता से जवाब देने की बात कही।
ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रिया
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को व्यापारिक समझौतों के जरिये युद्ध से रोका था। इस पर जयशंकर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उस बातचीत में न तो किसी ट्रेड डील की चर्चा हुई थी और न ही भारत ने कभी आतंकवाद से जुड़े मुद्दों को व्यापार से जोड़ा है। जयशंकर ने साफ किया कि यह दो बिल्कुल अलग प्रक्रियाएं हैं और भारत अपनी संप्रभुता से किसी भी स्थिति में समझौता नहीं करता।
10 मई को पाकिस्तान ने मांगा था सीजफायर
विदेश मंत्री ने आगे बताया कि 10 मई को सुबह उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बातचीत की थी। उसी दिन पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने भारत के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को कॉल कर संघर्षविराम की अपील की थी। यह घटनाक्रम 9 मई को हुए उस हमले के बाद हुआ था जिसमें भारत की ओर से कड़ा जवाब दिया गया।
पहलगाम हमले को बताया ‘आर्थिक युद्ध’
जयशंकर के मुताबिक 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला महज सुरक्षा पर नहीं, बल्कि आर्थिक व्यवस्था पर सीधा हमला था। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने ना सिर्फ पर्यटकों को निशाना बनाया, बल्कि लोगों की धार्मिक पहचान पूछकर हमला किया, जो कि सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश थी।
“अब बहुत हो गया है” – भारत का सख्त संदेश
जयशंकर ने कहा कि भारत अब यह स्पष्ट कर चुका है कि आतंकवाद की कोई सीमा नहीं है और चाहे दुश्मन कितनी भी धमकी दे, भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा हर हाल में करेगा। वर्षों से पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद को शह मिलती रही है, लेकिन इस बार देश की जनता और सरकार दोनों की सोच है – अब बहुत हो गया। अगर आप चाहें तो इसी विषय पर सोशल मीडिया कैप्शन, यूट्यूब स्क्रिप्ट या SEO-ब्लॉग भी तैयार किया जा सकता है।