भारत और इजरायल ने किया 7 समझौतों पर हस्ताक्षर, आतंकवाद से मिल कर लड़ेंगे दोनों ‘दोस्त’

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India and Israel Agreement

भारत और इजरायल दोनों ही आतंकवाद से सीधे तौर पर पीड़ित है और दोनों इससे मिलकर लड़ेंगे। भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दूसरे दिन  ये बातें कहीं। उन्होंने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को भारत आने का न्योता भी दिया और नेतन्याहू ने इसे स्वीकार भी किया। इस साझा बयान में मोदी और नेतन्याहू ने आतंकवाद से लड़ने और अपने सामरिक हितों की सुरक्षा के लिये साथ मिलकर काम करने पर सहमति जताई।

साझा बयान जारी करते हुए दोनों नेताओं ने माना कि आतंकवाद वैश्विक शांति  के लिए बहुत बड़ा खतरा है तथा उसके सभी रूपों से लड़ने के लिये कड़ी प्रतिबद्धता की जरुरत है। साझा बयान में जोर दिया गया कि किसी भी आधार पर आतंकी गतिविधियों को उचित नहीं ठहराया जा सकता और इस पर विक्टिम कार्ड नहीं खेला जाना चाहिए। दोनों नेताओं ने माना कि ‘गुड टेररिज्म’ और ‘बैड टेररिज़्म’ जैसा कुछ नहीं होता और आतंकवादियों, आतंकी संगठनों, उनके नेटवर्कों को जो भी बढ़ावा, समर्थन या आर्थिक मदद देते हैं, उन पर कड़ी कार्रवार्ई होनी चाहिए।

दोनों नेताओं ने ‘कंप्रेहेन्सिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म’ (सीसीआईटी) को जल्द अपनाने पर भी प्रतिबद्धता जताई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा लक्ष्य ऐसे रिश्ते बनाने का है जिसमें हमारी साझा प्राथमिकताएं परिलक्षित हों और हमारे बीच स्थायी संबंध बनें।

आतंकवाद के अलावा दोनों देशों ने अंतरिक्ष, कृषि और जल संरक्षण समेत सात अन्य समझौतों पर दस्तखत किये –

  • भारत के राज्यों में पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए और भारत में जल संरक्षण के लिए इजरायल तकनीक मदद देगा।
  • अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में इसरो और इजरायल के बीच परमाणु घड़ी के निर्माण लिए सहयोग की योजना बन रही है। इसके अलावा छोटे सैटलाइट्स को बिजली देने के लिए दोनों देश आपस में सहयोग करेंगे।
  • कृषि के लिए 3 साल के एक कार्यक्रम ‘भारत-इजरायल डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन’ की घोषणा हुई, जो 2018 से 2020 तक चलेगी।
  • इसके अलावा औधोगिक और तकनीक क्षेत्र में सहयोग के लिए दोनों देशो के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ।

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