भारत ने सीमा पार आतंकवाद और पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को वैश्विक स्तर पर बेनकाब करने के लिए एक निर्णायक कदम उठाया है। ऑल पार्टी डेलिगेशन के रूप में एक 8 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बहरीन, कुवैत, सऊदी अरब और अल्जीरिया की यात्रा पर रवाना हुआ है। इस डेलिगेशन का नेतृत्व भाजपा सांसद बैजयंत पांडा कर रहे हैं। इस डेलिगेशन की खास बात है कि इसमें विपक्षी पार्टियों के कई बड़े नेता भी शामिल हैं। यह सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आज सुबह अपने पहले गंतव्य, बहरीन पहुंचा।
गुलाम नबी आजाद और ओवैसी की मौजूदगी बनी चर्चा का विषय
इस डेलीगेशन का हिस्सा बने वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर असदुद्दीन ओवैसी के साथ तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “आज दिल्ली से एक ऑल पार्टी डेलिगेशन के हिस्से के रूप में रवाना हुआ हूं, जिसका उद्देश्य सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का प्रतिनिधित्व करना है…अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आवाज बनना मेरे लिए गर्व की बात है।”
आजाद बोले – पाकिस्तान को एक्सपोज करने का समय आ गया
गुलाम नबी आजाद ने पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद पर हमेशा सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “जम्मू-कश्मीर की जनता पिछले 75 वर्षों से आतंक झेल रही है। अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब किया जाए। यह डेलिगेशन का कर्तव्य है कि दुनिया को बताएं कि पाकिस्तान कैसे आतंकवाद को पनाह, पैसा और ट्रेनिंग देता है।”
क्या बोले ओवैसी ?
असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए बताया, “मैं ग्रुप 1 का हिस्सा हूं। सबसे पहले हम बहरीन जाएंगे, फिर कुवैत, उसके बाद सऊदी अरब और अंत में अल्जीरिया जाएंगे। जो दर्दनाक पहलगाम की घटना हुई, उसका जिक्र भी करेंगे। हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान आतंकियों के कैंप चला रहा है और उन्हें समर्थन दे रहा है। ये आतंकी भारत में आकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते हैं। हम इन सभी बातों को इन चार देशों के सामने रखेंगे।”
कौन-कौन है इस डेलिगेशन में शामिल?
इस ऑल पार्टी प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख चेहरे:
- बैजयंत पांडा (भाजपा सांसद, टीम लीडर)
- गुलाम नबी आजाद (वरिष्ठ नेता)
- असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM प्रमुख)
- निशिकांत दुबे (भाजपा सांसद)
- फांगनोन कोन्याक (सांसद)
- रेखा शर्मा (पूर्व NCW अध्यक्ष व सांसद)
- सतनाम सिंह संधू (सांसद)
- हर्ष श्रृंगला (पूर्व विदेश सचिव)
मिशन सिर्फ पाकिस्तान का पर्दाफाश नहीं, भारत की प्रतिबद्धता का प्रदर्शन भी
इस यात्रा का लक्ष्य सिर्फ पाकिस्तान की गतिविधियों को उजागर करना नहीं है, बल्कि भारत की आतंकवाद विरोधी नीति और वैश्विक प्रतिबद्धता को भी प्रभावशाली रूप में सामने रखना है। भारत ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि वह अब कूटनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान की सच्चाई उजागर करने में पीछे नहीं हटेगा।