डोकलाम के विवादित क्षेत्र में चीनी सैनिकों की तैनाती और दोबारा से सड़क निर्माण को लेकर आ रही खबरों का आज विदेश मंत्रालय ने खंडन किया है। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि, डोकलाम में कोई चीनी सैनिक नहीं और ना हीं दोबारा सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा मंत्रालय की ओर से कहा गया कि, डोकलाम विवाद खत्म होने के बाद वहां यथास्थिति बरकरार है।
दरअसल इससे पहले मीडिया में खबरें थी कि चीन ने डोकलाम से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर बनी एक सड़क को चौड़ा कराने का काम शुरू कर दिया है। इसके अलावा सड़क निर्माण के लिए सैंकड़ों कामगारों के साथ करीब 500 चीनी सैनिकों को भी तैनात किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने आ रही इन मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया। रवीश ने बताया कि, हाल ही में हमने डोकलाम पर प्रकाशित कुछ खबरें देखी हैं। मैं बताना चाहूंगा 28 अगस्त के बाद से, जब से डिशएंग्जमेंट हुआ है तब से उस स्थान पर और उसके आसपास के इलाकों में कोई घटनाक्रम नहीं हुआ है। इसके अलावा रवीश ने कहा कि, इलाके में यथास्थिति बनीं हुई है। इसके विपरीत कुछ भी कहना सही नहीं है।
एक तरफ जहां भारत डोकलाम में दोबारा से उठ रहे विवादों पर यह कहकर पर्दा डाल दिया है कि डोकलाम में यथास्थिति बरकरार है, लेकिन वहीं दूसरी ओर चीन ने सड़क निर्माण और सैनिकों की तैनाती पर अपना रुख स्पष्ट किया है। चीन के कहा है कि, सेना की तैनाती हमारी सुरक्षा के अधिकारों से जुड़ा मुद्दा है। डोकलाम हमारा हिस्सा है, जिसकी निगरानी हमारी चीनी प्रशासन करती है।
इससे पहले भारत की ओर से एयर फोर्स के चीफ बीएस धनोवा ने कहा था कि चीनी सेना चुंबी वैली में तैनात है। इसके अलावा उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा था कि, मुझे उम्मीद है कि वो जल्द ही वापस चली जाएगी।
जैसा कि डोकलाम इलाके को भूटान और चीन दोनों ही अपना अपना इलाका बताते हैं और भारत भूटान का समर्थन करता है। जून के मध्य में भारतीय सैनिकों ने सिक्किम में सीमा पार कर चीनी सड़क निर्माण का काम रोक दिया था।