नीरजा भनोट जैसी जांबाज को हमारा देश कभी नहीं भूल सकता। नीरजा भनोट… वो नाम जिसकी शहादत पर भारत ने ही नहीं बल्कि अमेरिका और पाकिस्तान ने भी आंसू बहाए थे। 23 साल की बेहद खूबसूरत और हिम्मती लड़की नीरजा ने अपनी जान पर खेलकर 360 लोगों को मरने से बचाया था।
जिनकी गोलियों का निशाना एयरहोस्टेस नीरजा बनी थी, उन चार कातिलों की तस्वीरों को एफबीआई ( US Federal Bureau of Investigations) ने रिलीज किया है। इन हाईजैकर्स नाम था मोहम्मद हाफिज अल टर्की, जमाल सईद अब्दुल रहीम, मोहम्मद अब्द्ल्ला खलिल हुसैन अर्याल और मोहम्मद अहमद अल मुन्नव्वर।
#BREAKING: #FBI releases age-progressed photos of hijackers from September 5, 1986 attack of Pan Am Flight 73. https://t.co/YoBbGcUyiw pic.twitter.com/39lPgFYfm1
— FBI Washington Field (@FBIWFO) January 11, 2018
आपको बता दें ‘हीरोइन ऑफ हाईजैक‘ नीरजा वर्ष 1986 में पैन एम की फ्लाइट के हाईजैक के दौरान यात्रियों की जान बचाते समय आतंकवादियों के निशाने का शिकार हुई थीं। नीरजा देश की पहली ऐसी नागरिक थीं, जिन्हेंr अशोक चक्र, जैसे किसी सर्वोच्चई सैनिक सम्माहन से नवाजा गया था। दुःख की यह थी की यह सम्मान उन्हें मरने के बाद हासिल हुआ।
लेकिन वो आज भी देश के सीने में एक हिम्मत बनकर धड़क रही हैं और मिसाल बनकर लोगों की जुबान पर हैं। नीरजा की बहादुरी के आगे केवल भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान भी नतमस्तक हुआ और उसने भी नीरजा को भारत की बेटी को ‘तमगा-ए-इंसानियत’ से नवाजा।
नीरजा एक एयरहोस्टेस थी। वो मुंबई से अमेरिका जाने वाली पैन एम 73 फ्लाइट में सवार थीं। किन्तु कराची पहुंचते ही यह फ्लाइट हाईजैक कर ली गई। 5 सितम्बर 1986 के दिन अमेरिका,पाकिस्तान और भारत जैसे तीन देशों की सुरक्षा व्यवस्था कटघरे में खड़ी थी।
नीरजा ने उस मुश्किल के क्षण में ऐसी हिम्मत दिखाई जो शायद कोई आम व्यक्ति सोच भी नहीं सकता। नीरजा ने इमरजेंसी दरवाजे से सभी को बाहर निकाला। आखरी 3 बच्चों को बाहर निकालते वक्त आतंकियों ने गोलियों की बौछार कर दी और उनकी मौत हो गई।