फ़्रांस में हुए राष्ट्रपति चुनावों में इमैनुअल मैकरॉन ने अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवार मरीन ली पेन को हराकर इतिहास रच दिया है। इमैनुअल मैकरॉन फ्रांस के सबसे युवा राष्ट्रपति चुने गए हैं। उनकी उम्र सिर्फ 39 साल है। रविवार को हुए मतदान में मैकरॉन को लगभग 65 फ़ीसदी वोट मिलने की संभावना जताई गई है। वहीँ उनकी प्रतिद्वंद्वी और धुर दक्षिणपंथी मरीन ली पेन को केवल 34 फीसदी वोट ही मिले हैं। मैकरॉन सिर्फ चार साल से राजनीति में हैं और वह फ्रांस्वा ओलांद की सरकार में काम कर चुके हैं। मैकरॉन को राष्ट्रपति चुने जाने पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें बधाई दी है।
चुनावों के आधिकारिक नतीजे अभी नहीं आये हैं लेकिन शुरुआती रुझानों को देखते हुए मैकरॉन की जीत तय मानी जा रही है। प्रतिद्वंदी उम्मीदवार मरीन ली पेन ने भी अपनी हार स्वीकारते हुए मैकरॉन को जीत की बाधाई दी है। रुझानों में बढ़त और जीत तय होने के बाद अपने पहले संबोधन में मैकरॉन ने कहा कि फ्रांस के लंबे इतिहास में एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश में मौजूद भेदभाव वाली शक्तियों से लड़ेंगे, ताकि यूरोपीय संघ और उनके देशवासियों के बीच संपर्क को पुनर्स्थापित किया जा सके। हम विचारों के आधार पर बंटे हुए देश को जोड़ेंगे और चरमपंथ और जलवायु परिवर्तन के खतरों का मुकाबला करेंगे। मैं चाहता हूं कि यह एक आशा और विश्वास बनकर उभरे।
मैकरॉन का जन्म 21 दिसंबर, 1977 को फ्रांस के एमियेंज में हुआ। उन्होंने 2004 में ग्रेजुएशन करने के बाद बैंकर की नौकरी शुरू कर दी। वह 2006 से 2009 के बीच फ्रांस की सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य रहे। 2012 में फ्रांस्वा ओलांद के राष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें डिप्टी जनरल सेक्रेटरी चुना गया। उन्होंने अगस्त 2016 में अपने इस पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने फ्रांस में एक नया राजनीतिक अभियान शुरू किया और आज वह फ्रांस के राष्ट्र्रपति चुन लिए गए हैं। फ्रांस के इतिहास में यह पहला मौका है जब सोशलिस्ट और रिपब्लिक दोनों में से किसी भी पार्टी को जीत नहीं मिली और केवल एक साल पुरानी पार्टी और तीन साल पुराने नेता ने सभी राजनीतिक समीकरण बदलकर रख दिए।
इमैनुअल मैकरॉन की जीत पर दुनियाभर के नेताओं ने उन्हें बधाई दी है। इन नेताओं में नरेन्द्र मोदी के अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प,जर्मनी की चांसलर एंजेला मोर्केल,ब्रिटेन की प्रधानमंत्री और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद शामिल हैं। हालांकि मैकरॉन के सामने चुनौतियाँ भी कम नहीं हैं। देश में हाल के दिनों में हुई आतंकवादी घटनाओं पर रोक लगाने सहित फ्रांस में बेरोजगारी की समस्या से निपटना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी।