अफगानिस्तान की महिलाओं ने बुर्का पहनने से इनकार करते हुए सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया। इसमें इन महिलाओं को दुनिया भर की अफगानी महिलाएं साथ दें रही हैं। दुनिया भर की अफगानी महिलाएं अफगानिस्तान का पारंपरिक ड्रेस पहनकर सोशल मीडिया पर फोटो डाल रही हैं। इसमें #DoNotTouchMyClothes #AfghanistanCulture और #AfghanWomen हैसटैग चलाया जा रहा है। इन महिलाओं ने पारंपरिक कपड़ाें में फोटो डाली है, जिसमें वे शूट सलवार जैसे कपड़ों में दिख रही हैं और उन्होंने लिखा है कि ये अफगानिस्तान का पारंपरिक परिधान है, न कि शैतानी पोशाक। तालिबान शरिया कानून थोपने की कोशिश कर रहा है।
#DoNotTouchMyClothes #AfghanistanCulture और #AfghanWomen हैसटैग पर चल रही कैंपेेन की कुछ तस्वीरें…
Taliban ने सत्ता में आने के बाद से महिलाओं को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया है। तालिबान ने महिलाओं से साफ कह दिया है कि चेहरा ढ़कना शुरू कर दो या अंजाम भुगतने को तैयार रहो।
अफगानिस्तान में तालिबानी शासन में लड़कियों को उच्च शिक्षा की इजाजत तो दी गई है, लेकिन तमाम पाबंदियों के साथ। लड़कियों के लिए इस्लामी पोशाक पहनना अनिवार्य होगा यानी उन्हें सिर से पांव तक पूरे शरीर को ढकने वाला बुर्का पहनना होगा। तालिबान की नई सरकार की तरफ से जारी फरमान में सहशिक्षा पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। कक्षा में लड़के और लड़कियां एक साथ नहीं बैठ सकेंगे।
महिलाओं के लिए Taliban के सख्त नियम
Taliban सरकार के शिक्षा मंत्री अब्दुल बकी हक्कानी ने नई नीतियों की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि तालिबान बीस साल पीछे नहीं लौटेगा। हम मौजूदा परिवेश को देखते हुए आगे बढ़ेंगे। हम महिलाओं को भी उच्च शिक्षा देने के पक्ष में हैं, लेकिन कुछ पाबंदियों के साथ। महिलाओं के लिए इस्लामी पोशाक यानी बुर्का अनिवार्य होगा।
महिला और पुरूषों की पढ़ाई अलग अलग होगी। शरिया कानून के तहत शिक्षा दी जाएगी। अगर जरूरी हुआ कि महिला और पुरूष साथ पढ़ें तो कक्षा को पर्दे से दो भागों में बांटा जाएगा। जरूरी होने पर पुरुष शिक्षक पर्दे के पीछे रहकर लड़कियों को पढ़ा सकेंगे।
महिला बाक्सर को छोड़ना पड़ा देश
बता दें कि तालिबान के पहले शासन में महिलाओं पर काफी पाबंदी था और महिलाओं का नौकरी, करियर सब छोड़ना पड़ा था। एएनआई के मुताबिक लाइटवेट बाक्सिंग चैंपियन सीमा रेजई ने जान बचाने के लिए देश छोड़ दिया। सीमा ने बताया कि धमकी के बाद ही परिवार को छोड़ अकेले उन्हें देश छोड़ना पड़ा।