रूस-यूक्रेन युद्ध को थमे लंबा वक्त हो चुका है, लेकिन अब तक इस संघर्ष का कोई ठोस हल सामने नहीं आया। दुनिया के कई बड़े नेता युद्ध को रोकने की कोशिश कर चुके हैं, मगर सफलता हाथ नहीं लगी। अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीधे दखल देते हुए नया मोड़ दे दिया है। वे सोमवार (18 अगस्त) को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात करने वाले हैं, लेकिन उससे ठीक पहले उन्होंने यूक्रेन को कड़ा अल्टीमेटम देकर चौंका दिया।
अमेरिका की रणनीति पर उठे सवाल
पहले यह माना जा रहा था कि ट्रंप की पहल यूक्रेन को मजबूत करने के लिए है, लेकिन ताजा घटनाक्रम ने तस्वीर बदल दी है। अमेरिका ने एक ओर यूक्रेन को हथियार देकर युद्ध लड़ने में मदद की थी, तो अब शांति समझौते की आड़ में ऐसी शर्तें रख दी हैं जो कीव सरकार के लिए मानना बेहद मुश्किल होंगी। इसे लेकर अमेरिका की दोहरी नीति पर सवाल उठने लगे हैं।
ट्रंप की शर्तें: क्रीमिया छोड़ो, नाटो में मत जाओ
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने साफ कहा कि अगर यूक्रेन चाहे तो युद्ध तुरंत खत्म हो सकता है। लेकिन इसके लिए उसे दो अहम शर्तें माननी होंगी—पहली, क्रीमिया पर अपना दावा छोड़ना और दूसरी, भविष्य में नाटो में शामिल न होना। गौरतलब है कि क्रीमिया 2014 से रूस के कब्जे में है, जबकि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत इसे यूक्रेन का हिस्सा माना जाता है।
पुतिन-ट्रंप मुलाकात के बाद बढ़ी हलचल
इससे पहले शुक्रवार (15 अगस्त) को अलास्का में ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई थी। लगभग तीन घंटे चली इस बातचीत में दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के विकल्पों पर चर्चा की। मुलाकात के बाद हुई 12 मिनट की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में हालांकि किसी बड़े सवाल का जवाब नहीं दिया गया। ट्रंप ने इतना जरूर कहा कि बातचीत सकारात्मक रही और कई मुद्दों पर सहमति बनी है, लेकिन अभी किसी ठोस समझौते तक नहीं पहुंचा गया है।