अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को व्हाइट हाउस कैबिनेट बैठक के प्रारंभ में उत्तर कोरिया को आतंकवाद का प्रायोजक घोषित किया। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा की यह सालों पहले हो जाना चाहिए था। पिछले काफी समय से उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में तीखी बहस चल रही थी।
सितंबर महीने में उत्तर कोरिया द्वारा सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण करने के बाद कोरियाई प्रायदीप में तनाव एकाएक बढ़ गया। इसके साथ ही प्योंगयांग द्वारा हथियारों के निर्माण जारी रखने को लेकर उसपर नए प्रतिबंध और आर्थिक दंड लगाने की भी घोषणा की गई है। ट्रंप ने कहा कि विभाग मंगलवार को उत्तर कोरिया पर लगने वाले अतिरिक्त प्रतिबंधों की घोषणा करेगा।
उत्तर कोरिया के खिलाफ यह सख्त कदम ट्रंप ने अपने 12 दिवसीय 5 एशियाई देशों के दौरे से लौटने के बाद उठाया। इस दौरे पर ट्रंप ने दुनिया के अन्य देशों के नेताओं के साथ उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम को लेकर चर्चा की थी।
ट्रंप ने हाल में चीन की यात्रा के दौरान कहा था कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने और कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण के साझा लक्ष्य को हासिल करने के लिए उत्तर कोरिया सरकार पर अपने आर्थिक प्रभाव का इस्तेमाल करने का भरोसा दिलाया था.
उत्तर कोरिया प्रतिबंधों के बावजूद अमेरिका से युद्ध करने में सक्षम हो ऐसे परमाणु हथियार लगातार विकसित कर रहा है। इतना ही नहीं वह चुपचाप ऐसी मिसाइल भी बना रहा है। कोरिया ने जापान के ऊपर से भी दो मिसाइल लॉन्च की हैं। खुफिया एजेंसी ने सोमवार को बताया कि उत्तर कोरिया इस साल और मिसाइल टेस्ट कर सकता है ताकि वह अमेरिका को अपनी ताकत दिखा सके।
अमेरिका ने इससे पहले आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने वाले देशों की सूची में बीते 19 जुलाई को पाकिस्तान को शामिल किया था। ट्रंप ने कहा था कि ‘लश्कर-ए-तैयबा’ और ‘जैश-ए-मोहम्मद’ जैसे आतंकवादी संगठनों ने देश के अंदर 2016 में संचालित होना, प्रशिक्षण देना, संगठित होना और धन जुटाना जारी रखा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने स्वीकार किया कि उत्तर कोरिया चीन के लिए बड़ा खतरा है।’’ हम ‘‘फ्रीज फॉर फ्रीज’’ समझौते को स्वीकार नहीं करेंगे। ऐसे समझौते अतीत में लगातार विफल हुए हैं। हमारा मानना है कि समय बीत रहा है और हमारे सामने सभी विकल्प खुले हैं। इसके अलावा दक्षिण कोरिया की नेशनल असेम्बली को संबोधित करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि हम इस विकृत उत्तर कोरिया को परमाणु ब्लेकमेल के जरिए दुनिया को बंधक नहीं बनाने देंगे।