सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके इदलिब शहर में सीरियाई सरकार और रुसी जेट के संग्दिध रासायनिक हमले की मामला सुर्खियों में है। इस हमले की पूरी दुनिया में कड़ी निंदा हो रही है। आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर जारी है। माना जा रहा है कि सीरियाई सरकार के आदेश पर इस इलाके में रासायनिक हमला करवाया गया था। जिसके बाद से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने इसपर चिंता जताई है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरिया में हुए रासायनिक हमले को भयानक और अवर्णनीय करार देते हुए इसे मानवता पर आघात बताया है। उन्होंने व्हाइट हाउस स्थित ओवल ऑफिस में जॉर्डन के अब्दुल्ला से मिलाकात करनें के बाद पत्रकारों से वार्ता कि” जहां उन्होंने सीरिया के इदलिब क्षेत्र में सेना द्वारा किए गए रासायनिक हमले को दुनिया और मानवता के नजरों में बेहद शर्मशार घटना बताया है।” अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने इस हमले को घृणित करार देते हुए कहा कि इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि सीरिया में हुए रासायनिक हमले के चलते अब तक 58 से ज्यादा नागरिकों की मौत हो गई जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। इस हमले में 400 से अधिक नागरिकों के घायल होने की खबर है।मानव अधिकार संगठनों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मृतकों और इससे प्रभावित लोगों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। हमले के बाद लोगों को सांस लेने में दिक्कत उल्टी और बेहोशी सहित कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
सीरिया सरकार ने किया डोनाल्ड ट्रम्प के बयान का खंडन…
डोनाल्ड ट्रम्प के बयान के आने के बाद सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद ने सीरियाई सेना के बचाव में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का खंडन करते हुए कहा कि “इदलिब शहर या सीरिया में कहीं भी इस प्रकार का कोई भी हथियार इस्तेमाल नहीं किया गया है और न ही भविष्य में वह रासायनिक हथियारों का प्रयोग करेगा।“
फ्रांस ने की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद बैठक की मांग…
पश्चिमी देशों ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तत्काल आपात बैठक बुलाने की मांग की है। दूसरी तरफ ब्रिटेन और फ्रांस सीरिया में हुए रासायनिक हमले की जांच करवाने का प्रस्ताव रखना चाहते है। सीरिया के इस नई नीति पर कई पश्चिमी देशों द्वारा प्रश्नचिंह खड़ा किया जा रहा है। उन्होंने इसके लिए सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद की सेना को दोषी ठहराया है।