भारतीय लेखिका Gitanjali Shree को उनकी किताब “रेत समाधि” (Tomb Of Sand) के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज (Booker Prize) से सम्मानित किया गया है। दरअसल, यह किताब बुकर प्राइज में शामिल होने वाली पहली भारतीय भाषा की किताब है। उनके इस उपन्यास का Daisy Rockwell ने अंग्रेजी में अनुवाद किया है। गुरुवार को लंदन में इस समारोह का आयोजन किया गया था और यह 50,000 पाउंड के पुरस्कार में शामिल हुई पहली भारतीय भाषा की पुस्तक है। लेखिका ने अपनी इस प्राइज मनी को अंग्रेजी अनुवादक डेजी रॉकवेल के साथ साझा किया।
कौन हैं गीतांजलि श्री?
गीतांजलि श्री उत्तर प्रदेश के मैनपुरी की रहने वाली हैं। इन्होंने कई उपन्यास और पुस्तकें लिखी हैं। इनकी पुस्तकों का अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, सर्बियन और कोरियन भाषाओं में अनुवाद भी किया गया है। गीतांजलि श्री का उपन्यास “रेत समाधि” (Tomb Of Sand) का अनुवाद अमेरिकी लेखिका डेजी रॉकवेल ने किया है। डेजी रॉकवेल ने हिन्दी और उर्दू की कई साहित्यिक कृतियों का अनुवाद किया है।
Booker Prize के आधिकारिक ट्विटर हंडल से शेयर किया गया पोस्ट
बुकर प्राइज ने ट्वीट करते हुए गीतांजलि श्री को बधाई देते हुए पोस्ट शेयर किया, “गीतांजलि श्री और @shreedaisy ने 2022 का बुकर प्राइज जीता है। “Tomb Of Sand” के बारे में और जानें। इसी के साथ ट्वीट में वीडियो भी शेयर किया गया है।
बंगाली लेखक अरुणव सिन्हा ने ट्वीट किया कि “यस! अनुवादक डेजी रॉकवेल और लेखक गीतांजलि श्री ने ‘रेत समाधि’ के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर जीता। एक हिन्दी उपन्यास, एक भारतीय उपन्यास, एक दक्षिण एशियाई उपन्यास के लिए पहली जीत , बधाई!”
दरअसल, बुकर प्राइज अंग्रेजी में ट्रांसलेट हुई या ब्रिटेन और आयरलैंड में पब्लिश हुई किसी किताब को दिया जाता है। साल 2022 के बुकर प्राइज के लिए चयनित पुस्तकों का नाम तो लंदन में आयोजित बुक फेयर में ही घोषित कर दिया गया था लेकिन विजेता का नाम आज बताया गया है।
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