जर्मनी में आम चुनाव के लिए रविवार को वोट डाले गए। इस मतदान के तहत जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को जीत हासिल हुई। उन्होंने चौथी बार अपना कार्यकाल पक्का कर लिया। वहीं, धुर दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) पार्टी राष्ट्रीय संसद में अपनी पहली सीट जीत कर इतिहास रचने के करीब है।

एक्जिट पोल नतीजों के अनुसार, मर्केल के कंजरवेटिव क्रिश्चियन यूनियन गठबंधन को 33 फीसद वोट मिले हैं। जबकि उनके प्रतिद्वंदी सोशल डेमोक्रेट्स को 20 से 21 फीसद मत ही प्राप्त हुए हैं। 1949 के पहले आम चुनाव के बाद से ये पहली बार है कि जब किसी पार्टी को चुनाव में इतने कम वोट मिले। इमिग्रेशन का विरोध करने वाली आल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AfD) को 13.1% वोट मिले। माना जा रहा है कि मर्केल को दूसरी पार्टियों से हाथ मिलाना पड़ेगा।

जीत के बाद मर्केल ने कहा कि ये दक्षिणपंथी पार्टी को जीत मिलना एक तरह से जर्मनों का टेस्ट था। ये सच है कि हमें इससे बेहतर नतीजों की उम्मीद थी। लेकिन हमने एक शानदार कार्यकाल बिताया, इस बात को नहीं भुलाया जा सकता। “हम सबसे मजबूत पार्टी हैं। हमें सरकार बनाने का बहुमत मिला है। कोई भी पार्टी हमारे खिलाफ गठबंधन कर सरकार नहीं बना सकती।”

बता दें कि मर्केल 12 साल से सत्ता में हैं। उन्होंने प्रचार अभियान में अपने शासनकाल में देश में निम्न बेरोजगारी, मजबूत आर्थिक वृद्धि, संतुलित बजट और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते महत्व जैसी उपलब्धियों पर जोर दिया। इसका चुनाव पूर्व कराए गए जनमत संग्रहों में भी असर देखने को मिला था। जिनमें मर्केल के गठबंधन को प्रतिद्वंद्वी मार्टिन शुल्ज और उनकी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी पर बढ़त दिखाई गई थी।

हालांकि चुनाव सर्वेक्षणों से पता चलता है कि मर्केल की कंजरवेटिव सीडीयू व सीएसयू गठजोड़ को अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी मार्टिन स्कल्ज नीत मध्य वाम सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी (एसपीडी) पर दोहरे अंकों में बढ़त हासिल हैष जर्मनी की संघीय संसद के निचले सदन बुंदेसटैग में प्रवेश के लिए चार पार्टियों के पांच फीसदी की सीमा पार करने का अनुमान है। ऐसे में अगली सरकार के गठन में महीनों लग सकते हैं।

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