पाकिस्तान को अब तक ‘आतंकवाद’ के मसले पर चारों तरफ से खरी-खोटी सुनने को मिलती थी। लेकिन अब उसके नकारात्मक परिणाम भी पाकिस्तान को मिलने लगे हैं। अमेरिका ने पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका दिया है। अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 255 मिलियन डॉलर यानी 1628 करोड़ रुपयों की सैन्य सहायता पर रोक लगा दी है। भारत, अमेरिका सहित कई देश यह मान चुके हैं कि पाकिस्तान आतंकियों के लिए एक पनाहगाह बनता जा रहा है और पाकिस्तान सरकार और आर्मी उसे कंट्रोल करने में नाकाम है। व्हाइट हाउस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ऐसी सहायता इस बात पर निर्भर करेगी कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकवाद का किस तरह जवाब देता है। ऐसा कर के अमेरिका ने आतंकवाद पर अपना स्टैंड साफ किया है और पाकिस्तान को फिर से सोचने पर मजबूर किया है।

ट्रंप ने ट्वीट करके कहा है कि , ‘अमेरिका ने मूर्खतापूर्ण ढंग से बीते 15 सालों में पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर की सहायता दी है। लेकिन बदले में हमें झूठ और छल के अलावा कुछ भी नहीं मिला। हमारे नेताओं को मूर्ख समझा गया। वे आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह देते रहे और हम अफगानिस्तान में खाक छानते रहे। अब और नहीं।’ इस ट्वीट के बाद अमेरिका के मंत्रालय ने पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता रोक दी। हालांकि इस ट्वीट के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने भी ट्वीट करके अपने को साफ-पाक करने की कोशिश की है। उन्होंने लिखा कि,  ‘हम राष्ट्रपति ट्रंप के ट्वीट का जल्द ही जवाब देंगे। इंशाल्लाह! जल्द ही दुनिया को तथ्य और कल्पनाओं में अंतर का सच पता चलेगा।

बता दें कि भारत लगातार आतंकवाद पर सभी देशों से एकजुट होने की अपील कर रहा है। एक तरफ जहां हाफिज सईद जैसे आतंकवादी को दुनिया के कई देश आतंकवादी मानते हैं तो वहीं पाकिस्तान उसे शरण देने में लगा है। अमेरिका ने आतंकवाद के रोकथाम के लिए पाकिस्तान को न जाने कितने डॉलर की आर्थिक मदद की है। लेकिन पाकिस्तान ने दुनिया को सिर्फ धोखा दिया है और कुछ नहीं।

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