आफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) की सरकार को पांच माह पूरे हो गए हैं। बंदूक वाली सरकार देश में आए दिन नए-नए कानून लागू करती रहती है। इसमें से अधिकतर कानून महिलाओं के लिए होते हैं। तालिबानी प्रवक्ता कभी कहता है कि महिलाएं अकेले घर से बाहर नहीं निकल सकती हैं, कभी उनकी शिक्षा पर प्रतिबंध के आदेश जारी करता है। एक बार फिर महिलाओं के लिए नए नियम, कानून जारी किए गए हैं।
Afghanistan में महिलाओं के लिए नए कानून
तालिबान ने रविवार को जारी आदेश में कहा कि जो महिलाएं लंबी यात्रा करना चाहती हैं उनके साथ घर का कोई पुरुष होना चाहिए। अफगानिस्तान के नैतिकता प्रसार व व्यसन रोकथाम मंत्रालय ने नए दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि महिलाओं को लंबी यात्रा नहीं करनी चाहिए। मंत्रालय ने वाहनों के मालिकों को भी सख्त हिदायत देते हुए कहा कि जिन महिलाओं के सर न ढके हों और कोई पुरुष साथ न हो उन्हें सवारी न करन दें।
मंत्रालय के प्रवक्ता सादिक अकीफ मुहाजिर ने कहा कि महिलाओं को 72 किमी से ज्यादा दूरी की यात्रा न करने दें। अगर वो यात्रा करती हैं तो वाहन चालक ध्यान दें कि उनके साथ घर का कोई पुरुष सदस्य हो।
वाहन चालकों और जिनके पास निजी वाहन है उन्हें आदेश देते हुए कहा गया है कि गाड़ी में गाना न बजाएं। टीवी चैनलों से महिलाओं को पहले ही ऑफ एयर कर दिया गया है। पत्रकार महिलाओं को सर ढक कर टीवी पर कार्यक्रम करने के लिए कहा गया है।
Afghanistan में Taliban ने दो मंत्रालयों को किया भंग
इसके साथ ही तालिबान ने दो मंत्रालयों को भंग कर दिया है। सरकार ने चुनाव आयोगों और दो मंत्रालयों को यह कहते हुए भंग कर दिया है कि इनकी जरूरत नहीं है। सरकार के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने बताया कि स्वतंत्र चुनाव आयोग और चुनाव शिकायत आयोग को भंग कर दिया गया है।
करीमी ने साथ ही शांति और संसदीय मामलों के मंत्रालयों को खत्म किए जाने की भी सूचना दी। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में देश को इन संस्थानों की जरूरत नहीं है।
बता दें कि 15 अगस्त को अफगानिस्तान में लोकतंत्र की सरकार को खदेड़ने के बाद तालिबान ने कहा था कि अब वे बदल चुके हैं और महिलाओं व देश के अन्य कमजोर तबकों का शोषण नहीं होने दिया जाएगा। तालिबान के सत्ता में आने पर दुनियाभर के मानवाधिकार संगठनों (Human Rights) ने महिलाओं की स्थिति बदतर होने का डर जताया था।
Taliban राज के बाद 20 साल पीछे पहुंचा Afghanistan
अफगानिस्तान जहां की औरतें दुनिया भर में फैशन आइकॉन के नाम से जानी जाती थी। वो अफगानिस्तान जो 1980 के पहले खूबसूरत हुआ करता था, आजादी थी, हवा में इंसानियत थी लेकिन वहां की तस्वीर अब पूरी तरह बदल चुकी है। हर तरफ तालिबान का कब्जा और खौफ है।
साल 2001 तक पूरे अफगानिस्तान में जंगल राज कामय हो चुका था। महिलाओं को सड़कों पर पीटा जाता था। इसके बाद अमेरिका ने 2001 में अपनी सेना को वहां भेजा। धीरे- धीरे सब कुछ सुधर रहा था। महिलाओं की जिंदगी पटरी पर लौट रही थी। वहां की जनता के जीवन में रोशनी आ रही थी पर अमेरिका ने अप्रैल माह में जैसे ही अपनी सेना को वापस बुलाने का ऐलान किया उसके फौरन बाद ही अफगानिस्तान के आतंकी संगठन तालिबान ने वहां के 50 से अधिक जिलों पर कब्जा कर लिया। फिर 15 अगस्त को पूरे देश पर कब्जा कर लिया। कब्जे के साथ ही इस्लामिक कानून को लागू कर दिया। सूखे फल और शीरमाल से दुनिया भर में मिठास भरने वाला अफगानिस्तान फिर 20 साल पीछे चला गया है।
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