हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख को लेकर आज फैसला किया जा सकता है। 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, और 2 अक्टूबर को गांधी जयंती की छुट्टी है। वहीं 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती का अवकाश है। उन्होंने कहा कि बिश्नोई समाज का धार्मिक अनुष्ठान भी है। इसका इफेक्ट वोटिंग पर पड़ेगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हरियाणा इकाई ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर एक अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को कुछ समय के लिए टालने का अनुरोध किया। पार्टी ने चुनाव तिथि से पहले और बाद में छुट्टियों का हवाला देते हुए कहा कि इससे मतदान प्रतिशत कम हो सकता है।
भाजपा की राज्य ईकाई का कहना था कि यदि इनके बीच चुनाव कराए गए, तो मतदान प्रतिशत में गिरावट देखने को मिल सकता है, क्योंकि छुट्टियों के चलते लोग घूमने के लिए राज्य से बाहर जा सकते है। उनकी इस मांग का बाद में समर्थन राज्य के प्रमुख राजनीतिक दल इंडियन नेशनल लोकदल ( इनेलो) ने भी किया। इसके साथ विश्नोई समाज ने भी त्योहार का हवाला देते हुए मतदान की तारीख में बदलाव की मांग की है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव तय तारीख पर कराए जाएं या इसकी तारीख को बदला जाए, इस पर आज चुनाव आयोग फैसला ले सकता है। 3 अक्टूबर से नवरात्र शुरू हो रहे हैं। ऐसे में हो सकता है कि हरियाण में चुनाव एक अक्टूबर से पहले करवा दिए जाएं और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के साथ ही इसके नतीजे तय तारीख 4 अक्टूबर को आएं।
बता दें, 28, 29 सितंबर को शनिवार व रविवार की छुट्टी है, जबकि एक अक्टूबर को मतदान के चलते सार्वजनिक अवकाश रहता ही है, दो अक्टूबर को गांधी जयंती का अवकाश और तीन अक्टूबर को अग्रसेन जयंती और शारदीय नवरात्र का अवकाश रहेगा। ऐसे में कोई सिर्फ 30 सितंबर की छुट्टी लेकर छह दिन छुट्टी पर रह सकता है।
सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की मांग से सहमत दिख रहा है। साथ ही वह इसे लेकर आज एक अहम बैठक भी करने वाला है। जिसमें इसे लेकर फैसला लिया जा सकता है। 1 अक्टूबर से पहले चुनाव कराने हैं या फिर उसके बाद चुनाव आयोग के पास ये दोनों ही विकल्प है।
फिलहाल चुनाव की तारीख को आगे बढ़ाने को लेकर राज्य में जिस तरह से राजनीति शुरू हुई और कांग्रेस सहित दूसरे दल इसे भाजपा का हार का डर बता रहे है। वहीं भाजपा की ओर यह पलटवार कि वह आज चुनाव हो तो उसके लिए भी तैयार है। ऐसे में निर्वाचन आयोग अक्टूबर से पहले भी चुनाव करा सकता है।