बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में भाग लेने भुवनेश्वर पहुंचे रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रविवार को भुवनेश्वर में रेल सदन से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये देश के अलग-अलग हिस्सों में दो ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और एक रेलवे केंद्र की आधारशिला भी रखी। प्रभु ने जिन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई उनमे महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में लाइफ लाइन एक्सप्रेस है और दूसरी आँध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम से छत्तीसगढ़ के किरंदुल के बीच एसी विस्टाडोम कोच वाली ट्रेन शामिल है।

रेल मंत्री ने इन ट्रेनों की शुरुआत करते हुए कहा कि लाइफ लाइन एक्सप्रेस के चलने से गरीब मरीजों को इलाज़ में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने दूसरी ट्रेन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह एसी विस्टाडोम कोच वाली देश की पहली ट्रेन है। इस ट्रेन के डब्बे कांच की छत वाली स्विट्जरलैंड की ट्रेनों की तर्ज पर डिजाइन किए गए हैं।इसके बारे में दावा किया जा रहा है कि भारत में इस तरह के रेल डब्बों को पहली बार बनाया गया है।

इस अत्याधुनिक कोच के बारे में बोलते हुए रेल मंत्री ने कहा कि नए कोच में शीशे की छत, एलईडी लाइट, 360 डिग्री घुमावदार सीटें, जीपीएस आधारित सूचना प्रणाली के साथ मल्टी-टियर लगेज रैक और मॉडर्न इनफोटेनमेंट सिस्टम होगी जो यात्रा को सुगम बनाएंगे। अभी यह डब्बे प्रायोगिक तौर पर लगाये गए हैं और आने वाले दिनों में नार्थ-ईस्ट रूट की ट्रेनों में भी लगाये जायेंगे।

विशाखापट्टनम और किरंदुल के बीच अराकू घाटी और अन्य शानदार नज़रों की सुखद यात्रा का अनुभव देने के लिए रेलवे ने विशाखापट्टनम -किरांदुल ट्रेन में विस्टाडोम कोच पेश किया है, इसके विशेष लाउन्ज से बाहर का नज़ारा देखा जा सकता है। एक कोच के निर्माण पर 3.38 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। ऐसे एक डब्बे में 40 लोग बैठ सकते हैं। इन विशेष डब्बों को चेन्नई की इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में तैयार किया गया है। रेलवे को अत्याधुनिक,सुगम और सुरक्षित बनाने की दिशा में यह रेलवे का महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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