टैलेंट कभी उम्र की मोहताज नहीं होता। इस बात को एक बार फिर आदित्य चौबे नामक बालक ने साबित कर दी। दरअसल, आदित्य का कारनामा कोई साधारण नहीं है इसलिए उसे अन्य बच्चों से असाधारण माना गया है। उसके कारनामे ऐसे हैं जो आजकल इंजीनियर की डिग्री लेने वाले भी न कर सकें। जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 8वीं में पढ़ने वाले आदित्य ने करीब 82 ऐप बनाए हैं। आदित्य ने सोशल मुद्दों पर भी ऐप बनाए हैं। सिर्फ 12 साल के आदित्य चौबे ने ऐसे ऐसे ऐप बनाए हैं जो समाज में भी काफी प्रयोग में लाए जा सकते हैं। महज 9 साल की उम्र से ऐप डेवलप कर रहे आदित्य आज ऑनलाइन ‘आदि’ कंपनी के मालिक भी हैं। इतना ही नहीं जिस कम्प्यूटर लैंग्वेज को उन्होंने सुना तक नहीं था, आदित्य आज उसकी ऑनलाइन ट्यूशन दे रहे हैं।
आदित्य के पिता धर्मेन्द्र चौबे ऑर्डिनेंस फैक्टरी खमरिया में जूनियर वर्क्स मैनेजर और मां अमिता निजी स्कूल में साइंस टीचर हैं। आदि की बड़ी बहन 12वीं की छात्रा हैं। आदित्य ने बताया कि जब वो 9 साल का था तब लैपटॉप पर खेलते समय नोटपैड प्लस-प्लस का सॉफ्टवेयर डाउनलोड किया। इस पर जब उसने कुछ टाइप करना चाहा तो उसमें एरर आने लगा। इसके बाद सेटिंग में जाकर जब उसने जावा देखा तो जावा लेंग्वेज के बारे में जाना। बस इसी के बाद से आदित्य की जानने की ललक बढ़ गई और उन्होंने ऐप बनाना सीख लिया।
आदित्य ने अब तक कई महत्वपूर्ण एप बनाए हैं। आदित्य ने एक कैलकुलेटर बनाया जो आम कैलकुलेटर से काफी बेहतर है। आम कैलकुलेटर जहां 20 डिजिट के बाद नंबर नहीं लेता वहीं आदित्य के तैयार कैलकुलेटर में अनलिमिटेड कैलकुलेशन किया जा सकता है। आदित्य ने पैनिक बटन की तरह कोडरेड बटन तैयार किया। ताकि जब भी कोई मुसीबत में हो वो कुछ सिलेक्टेड नंबर के साथ अपनी लोकेशन बताकर अपना बचाव कर सके। आदित्य के हुनर को देखते हुए बड़ी-बड़ी कंपनियों के सीईओ की बनाई हुई ऑनलाइन कम्युनिटी ने भी इन्हें अपने से जोड़ लिया है। जहां ये अपने आइडिया और स्ट्रैटिजी शेयर करते हैं। स्टीव जॉब्स, जैक मा को आदित्य फॉलो करते हैं, क्योंकि इन्हें उनकी मार्केटिंग स्ट्रैटिजी काफी पसंद है। आदित्य ने अब तक कई महत्वपूर्ण एप बनाए हैं।