Varanasi Bomb Blast Case: आतंकी वलीउल्लाह ने फांसी की सजा को हाई कोर्ट में दी चुनौती, 16 साल पहले एक साथ 3 जगह किए थे बम ब्लास्ट

वाराणसी में पहला बम धमाका 7 मार्च 2006 को शाम 6.15 बजे संकटमोचन मंदिर में हुआ था। इसमें 7 लोग मारे गए थे जबकि 26 घायल हुए थे।

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Varanasi Bomb Blast Case
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Varanasi Bomb Blast Case: 2006 में वाराणसी में हुए सिलसिलेवार बम धमाके में दोषी आतंकी वलीउल्लाह (Waliullah) ने जिला अदालत द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी है। यह अपील जिला कारागार डासना के जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने व्यक्तिगत अनुरोध के आधार पर जेल अपील हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को भेजी है। मालूम हो कि 6 जून को जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने आतंकी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई थी। साथ ही 4.05 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। दोषी आतंकी वलीउल्लाह प्रयागराज जिले के फूलपुर स्थित नलकूप कालोनी का रहने वाला है।

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Varanasi Bomb Blast Case: कब और कहां हुआ था बम धमाका?

वाराणसी में पहला बम धमाका 7 मार्च 2006 को शाम 6.15 बजे संकटमोचन मंदिर में हुआ था। इसमें 7 लोग मारे गए थे जबकि 26 घायल हुए थे। उसी दिन 15 मिनट के बाद 6.30 बजे दशाश्वमेध घाट थानाक्षेत्र में, रेलवे फाटक की रेलिंग के पास कुकर बम मिला था। पुलिस की मुस्तैदी के चलते यहां विस्फोट होने से बचा लिया गया था। इसके 5 मिनट बाद 6.35 बजे कैंट रेलवे स्टेशन पर धमाका हुआ था। इसमें 11 लोग मारे गए थे और 50 लोग घायल हुए थे। तीनों मामलों में 18 लोगों की मौत हुई थी और 76 लोग घायल हुए थे।

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अदालत ने अभियोजन व बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलील सुनने के बाद लंका थानाक्षेत्र व दशाश्वमेध घाट थानाक्षेत्र में हुई बम धमाके की घटना के मामले में दोषी आतंकी वलीउल्लाह को हत्या, हत्या का प्रयास, व अंग भंग करने, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम व आतंकी गतिविधि के आरोपों में फांसी की सजा सुनाई है।

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