उत्तराखंड (Uttarakhand) में विश्व प्रसिद्ध चारधाम की यात्रा (Char Dham Yatra) आज से शुरु हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी। एक दिन पहले ही उत्तराखंड हाई कोर्ट (Uttarakhand High Court) ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक को हटा दिया था। बता दें कि पवित्र कुंड में श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने पर इसबार प्रतिबंध लगा दिया गया है। और यात्रा मार्ग पर कई चेकपोस्ट भी लगाए गए हैं।
श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखने के निर्देश
हिमालयी क्षेत्र के चारधाम के नाम से प्रसिद्ध बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर हर साल अप्रैल-मई में दर्शनों के लिए खुलते हैं। लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण यह यात्रा शुरू नहीं हो पाई। आपको बता दें कि उच्च न्यायालय ने श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखे जाने के निर्देश दिए है। जिसके मद्देनजर बदरीनाथ (Badrinath) में प्रतिदिन अधिकतम 1000, केदारनाथ (Kedarnath) में 800, गंगोत्री (Gangotri) में 600 और यमुनोत्री में 400 श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित की गई है।
RT-PCR कोविड निगेटिव रिपोर्ट जरुरी
चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra) पर आए प्रत्येक तीर्थयात्री को 72 घंटे पहले RT-PCR कोविड निगेटिव रिपोर्ट या कोविड रोधी टीके की दोनों खुराक लगे होने का प्रमाण-पत्र रखना अनिवार्य है। इसके अलावा, कोरोना से ज्यादा प्रभावित राज्यों (केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश) से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए 72 घंटे पहले की कोरोना मुक्त जांच रिपोर्ट लाना भी अनिवार्य होगा।
मंदिर में दर्शन हेतु एक बार में तीन श्रद्धालु ही प्रवेश करेंगे। मंदिर में मूर्तियों या घंटियों को छूने पर बैन लगा दिया गया है। केदारनाथ के कपाट 17 मई, बदरीनाथ के कपाट 18 मई, यमुनोत्री के 14 मई तथा गंगोत्री के 15 मई को कपाट खुले थे लेकिन श्रद्धालुओं को उनके दर्शन की अनुमति नहीं थी।
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