Uttar Pradesh सरकार ने शनिवार को कोविड-19 महामारी की स्थिति को देखते हुए शैक्षणिक सत्र (2022-23) के लिए सभी शिक्षण बोर्ड को यह अदेश दे दिया है कि स्कूल फीस में किसी भी तरह की वृद्धि न की जाए। स्कूलों से कहा गया है कि वो सत्र 2019-20 के अनुसार ही फीस लें।
Letter में जारी किए गए निर्देश
Additional Chief Secretary Of Secondary Education, Aradhana Shukla ने इसकी जानकारी Uttar Pradesh के सभी Private School को दिया है। लगातार दो सालों से राज्य सरकार स्कूलों की फीस बढ़ाने पर रोक लगा रही है। CBSE, ICSE या UP Board से संबद्धित सभी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए फीस बढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इन सभी स्कूलों को सत्र 2019-20 के अनुसार ही फीस लेने की अनुमति दी गई है।
Aradhana Shukla ने सात जनवरी को लिखित पत्र के माध्यम से Divisional Education Director, Secretary और जिला विद्यालयों के District Inspectors के साथ Director Of Education और Secondary School Secretary को भी इस बात की सूचना दी। Letter के अनुसार फीस बढ़ाकर आदेश का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह फैसला अभिभावकों के हित में लिया गया है ताकि वो स्कूल फीस बढ़ोतरी के कारण होने वाली परेशानियों से बच सकें।
फीस बढ़ाने पर की जाएगी कार्रवाई
यदि कोई निजी स्कूल आदेश जारी होने के बाद भी फीस बढ़ाता है तो Uttar Pradesh Self-Financing Independent Schools (Fee Fixation) Act, 2018 की धारा 8A के तहत District Fee Fixation Regulatory Committee में अभिभावक व छात्र इसकी शिकायत कर के कार्रवाई करा सकते हैं।
साथ ही Uttar Pradesh सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि कोई निजी स्कूल फीस में किसी तरह की बढ़ोतरी न करें, इसके लिए सतत निगरानी की जाएं। किसी भी छात्र या अभिभावक को तीन महीने की फीस जमा करने के लिए बाध्य नहीं होना पड़ेगा साथ ही किसी भी छात्र को चल रही ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं किया जाएगा और न ही फीस जमा न कर पाने पर स्कूल से छात्र का नाम काटा जाएगा।
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