उत्तर प्रदेश विधानसभा ने लगभग दो दशक पुराने एक मामले में शुक्रवार को छह पुलिसकर्मियों को एक दिन के कारावास की सजा सुनाई। दरअसल साल 2004 में तत्कालीन भाजपा विधायक सलिल विश्नोई द्वारा दिए गए विशेषाधिकार हनन के मामले में यह कार्रवाई की गई है। विशेषाधिकार हनन का नोटिस 2004 का है। विश्नोई 15 सितंबर, 2004 को जिलाधिकारी (कानपुर नगर) को कानपुर में बिजली कटौती के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे, जब पुलिस कर्मियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया।
विधानसभा को शुक्रवार को अदालत में तब्दील कर दिया गया और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने छह पुलिसकर्मियों को एक दिन की कैद (रात 12 बजे तक) का प्रस्ताव पेश किया। स्पीकर सतीश महाना ने फैसले की घोषणा की। महाना ने कहा कि पुलिसकर्मी आधी रात तक विधानसभा भवन के एक कमरे में कैद रहेंगे और उनके लिए भोजन और अन्य सुविधाओं जैसी सभी व्यवस्थाएं की जाएंगी।
इन पुलिसकर्मियों में कानपुर नगर में बाबूपुरवा के तत्कालीन अंचल अधिकारी अब्दुल समद (अब सेवानिवृत्त); तत्कालीन एसएचओ किदवई नगर, श्रीकांत शुक्ला; तत्कालीन उप निरीक्षक त्रिलोकी सिंह; और कांस्टेबल छोटे सिंह, विनोद मिश्रा और मेहरबान सिंह शामिल हैं। पुलिस ने घटना पर खेद जताया था।
सदन की विशेषाधिकार समिति की सोमवार को हुई बैठक की सिफारिश पर सम्मन जारी किया गया। समिति ने इन अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कारावास की सिफारिश की थी और सदन ने शुक्रवार को कारावास की अवधि तय की।