UP Politics: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों कलह की खबरें खूब चर्चा में हैं। समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के बीच फूट पड़ चुकी है। जिसके बाद से ही ओपी राजभर सपा के निशाने पर आ गए हैं। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को ओम प्रकाश राजभर पर कटाक्ष करते हुए बयान दिया। उन्होंने कहा राजभर बंदरों की तरह रोज उछल कूद कर रहे हैं।
सपा के दिग्गज नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा,’जिस तरीके से आज बंदरों की तरह एक डाल से कूदकर दूसरी डाल पर आने और जाने का क्रम बना है, यह गलत है। राजभर की पार्टी को उतनी सीटें दी गई जितनी उन्होंने मांगी थी। बीजेपी गठबंधन में वह कम सीटें जीते थे। उन्होंने कहा कि या तो राजभर बहुत अधिक महत्वाकांक्षी है या फिर उनका उल्लू कहीं और सीधा होता नजर आ रहा है।
UP Politics: जहां ओपी राजभर जाना चाहते हैं वहां उनके लिए दरवाजे पहले से ही बंद हैं- मौर्य
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने राजभर को निशाने पर लेते हुए कहा,’जिस तरह राजभर रोज उछल कूद कर रहे हैं उससे अहमियत घटती है और पार्टियां भी उन्हें गंभीरता से लेना छोड़ देती हैं। जहां जाने की बात वो कर रहे हैं उसने पहले ही नो- एंट्री का फरमान जारी कर दिया गया है।
बीएसपी चार बार सत्ता में रह चुकी है, लेकिन जब ओम प्रकाश राजभर ने वहां जाने की बात कही, तभी उसने अपने दरवाजे बंद ही कर लिए। उन्होंने ओपी राजभर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह बीजेपी और बीएसपी में जाना चाहते हैं, लेकिन कोई उन्हें लेना नहीं चाहता। अखिलेश यादव यूपी के सीएम रह चुके हैं, आज नेता विरोधी दल हैं, उनका एक स्थान है।
अगर राजभर कोई सलाह देना चाहते हैं तो उनका यह तरीका सही नहीं है। मौर्य ने कहा कि सलाह के रूप में कहानी है तो कहें पर आपस में बिना बातचीत के चैनल में बयान आ जाए। ये कृत्य सलाह नहीं सुर्खियां बटोरने के लिए की गई ओछी राजनीति को दर्शाता है। इस तरह पार्टी की अंदरूनी बातों को मीडिया में लाना राजनीतिक कुशलता नहीं है।
गौरतलब है कि शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच चल रही तनातनी पर स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है कि समाजवादी पार्टी में मेरे आने से पहले से ये सब चल रहा है। यह दो नेताओं के बीच की बात नहीं बल्कि चाचा भतीजे का मामला है। एसटीएफ द्वारा हुई पूछताछ पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हमारे विभाग में 5 साल में कोई जगह ही नहीं निकली थी, ये केवल बदनाम करने की चाल है।
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