UP News: महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन से 33 नाबालिग बच्चों को जीआरपी और आरपीएफ द्वारा रेस्क्यू किए जाने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। सीडब्ल्यूसी की जांच में पता चला है कि बच्चों को लालच देकर के मदरसों में भेजने की तैयारी थी।
बिहार के सरकारी स्कूलों से बच्चों के नाम कटवाकर उन्हें मदरसों में भेजे जाने का प्लान तैयार किया गया था। जिसमें कुछ ऐसे बच्चे भी थे जिन्हें बाल मजदूरी के लिए भी ले जाया जा रहा था। इस दौरान मानव तस्करी के बड़े मामले का भी खुलासा हुआ है।
सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन अखिलेश मिश्रा ने बताया है कि बच्चों से काउंसलिंग और पूछताछ के दौरान इस बात की जानकारी दी। जानकारी के अनुसार बच्चों के अभिभावकों को एजेंट और मौलाना ने बरगलाकर उन्हें मदरसे में भेजने का प्लान बनाया था। इस बात की भी जानकारी हुई है कि एजेंट ने बच्चों के परिजनों से उन्हें मदरसे में भेजने और नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे भी लिए हैं।
फिलहाल सीडब्लूसी ने अपनी पूरी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी प्रयागराज संजय खत्री को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही जीआरपी ने मौलाना अब्दुल रब समेत 4 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस पूरे प्रकरण पर बच्चों के परिजनों को भी सीडब्ल्यूसी की तरफ से सूचना दे दी गई है।
UP news: बच्चों के परिजन पहुंचे प्रयागराज
कई बच्चों के परिजन भी प्रयागराज के खुल्दाबाद स्थित बाल शिशु गृह पहुंचे हैं।सीडब्लूसी के चेयरमैन अखिलेश मिश्रा का कहना है कि बच्चों का राजीनामा लेकर उनके परिजनों को सुपुर्द किया जाएगा।इसके साथ ही जो लोग अनधिकृत तरीके से बच्चों को ले जा रहे थे। उनके खिलाफ चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की तरफ से भी कानूनी कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी गई है।
गौरतलब है कि महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन से गुरुवार की शाम प्रयागराज जंक्शन पर जीआरपी की टीम ने नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू करके उतारा था। इन बच्चों को ले जाने वाले मौलाना अब्दुल रब समेत 4 लोगों को भी जीआरपी ने हिरासत में लिया था। इन सभी से पूछताछ के बाद यह खुलासा हुआ था कि बच्चों को अनधिकृत तरीके से बगैर किसी कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिहार के अलग-अलग जिलों से लेकर उन्हें दिल्ली और फतेहपुर ले जाया जा रहा था। ऐसे में सभी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
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