
UP Madrasa Survey: लगभग एक महीने पहले उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से शुरू किए गए मदरसों का सर्वे के आखिरी तारीख को आगे बढ़ा दिया गया है। इस सर्वे को लेकर पक्ष और विपक्ष में काफी तनातनी थी, विपक्ष सर्वे को लेकर लगातार सरकार पर हमले बोल रहा था लेकिन सरकार का कहना था कि इस सर्वे के पीछे की वजह सही है। दरअसल, इस सर्वे के जरिए शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर तथा यहां पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य को अच्छा बनाने की कोशिश की जा रही है।
सर्वे के बाद गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का नतीजा चौंकाने वाला है। हालांकि, अब तक केवल 80 फीसदी मदरसों का ही सर्वे किया गया है। बताया जा रहा है कि सर्वे पूरा करने का आखिरी तारीख को बढ़ाकर 20 अक्टूबर कर दिया गया है और दावा किया गया है कि इस समय सीमा के अंदर ही सही आंकड़े सामने आ जाएंगे।
UP Madrasa Survey: 20 अक्टूबर तक पूरा होगा सर्वे
यूपी अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह का कहना है कि सभी जिलों के डीएम को 15 नवंबर तक अपने क्षेत्र के मदरसों का सर्वे कर रिपोर्ट सरकार के पास भेजनी है। साथ ही सभी डीएम को सख्ती से कहा गया है कि जिन मदरसों में गलत गतिविधियां पाई जा रही हैं उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाए। आपको बता दें, अब कर 6502 में से कुल 5200 मदरसों का सर्वे पूरा हो चुका है और बचे हुए मदरसों का सर्वे 20 अक्टूबर तक पूरा कर दिया जाएगा।
UP Madrasa Survey: मुरादाबाद में सबसे ज्यादा गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे
सर्वे टीम के अनुसार अब तक पाया गया है कि उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में सबसे ज्यादा गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे मौजूद हैं। यहां गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या 585 है। नंबर दो पर बिजनौर जिला है जहां गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या 450 है। इसके अलावा नंबर तीन पर 401 गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों वाला जिला बस्ती है। वहीं, गोंडा में 281, देवरिया में 270, सहारनपुर में 258, शामली में 244, संत कबीर नगर में 240, मुजफ्फरनगर में 222 सिद्धार्थनगर में 185 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे हैं।
UP Madrasa Survey: 15 नवंबर को सरकार को पेश करनी होगी रिपोर्ट
आपको बता दें, 10 सितंबर से ही मदरसों का सर्वे शुरू कर दिया गया था। लेकिन 5 अक्टूबर को इसे रोक कर इसकी अंतिम तारीख 20 अक्टूबर तय कर दी गई थी। साथ ही सरकार की ओर से आदेश दिया गया था कि सर्वे टीम 20 अक्टूबर तक अपना काम पूरा कर के 30 अक्टूबर कर डीएम को अपनी रिपोर्ट पेश करें। इसके बाद डीएम 15 नवंबर तक सरकार को फाइनल रिपोर्ट पेश करेंगे।
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